शिमला: हिमाचल में ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर कांग्रेस ने भाजपा को घेरा है. सातवें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष नंद लाल ने कहा कि पुरानी पेंशन पर भाजपा के नेता सफेद झूठ बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि नई पेंशन स्कीम भाजपा की देन है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में पुरानी पेंशन नहीं देन की बात की है. प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि भाजपा पुरानी पेंशन का विरोध करती है. ऐसे में प्रदेश भाजपा नेता बताएं कि क्या वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बड़े हो गए हैं या फिर प्रधानमंत्री हिमाचल में भाजपा के नेताओं को प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू करने के लिए अधिकृत कर दिया है. अगर नहीं तो फिर भाजपा नेता किस मुंह से पुरानी पेंशन देने की बात कर रहे हैं?
'राजस्थान में भाजपा ने क्यों बंद की पुरानी पेंशन स्कीम'
नंद लाल ने कहा कि भाजपा अगर पुरानी पेंशन के पक्ष में है तो राजस्थान में भाजपा ने सरकार बनते ही पुरानी पेंशन स्कीम को क्यों बंद कर दिया? उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को मान-सम्मान देते हुए पुरानी पेंशन लागू करने पर प्रदेश की कांग्रेस सरकार को गर्व है. हालांकि पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने पर केंद्र सरकार ने हिमाचल पर कई प्रतिबंध लगा दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के लिए केंद्र सरकार ने लोन लेने की लिमिट 6600 करोड़ फिक्स कर दी है. केंद्र सरकार ने हिमाचल पर बाहरी सहायता प्राप्त एजेंसियों के माध्यम से आर्थिक सहायता के नए प्रस्तावों पर भी सीमा लगा दी है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंत तक हिमाचल केवल 2,944 करोड़ तक के प्रस्तावों की मंजूरी के लिए पात्र होगा.
'कर्मचारियों के मुद्दे पर राजनीति नहीं करती कांग्रेस'
नंद लाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार को इन प्रतिबंधों की परवान नहीं है. कर्मचारियों का बुढ़ापा सुरक्षित करने के लिए हर कदम उठाए जाएंगे. कांग्रेस कर्मचारियों के मुद्दे पर राजनीति नहीं करती और चुनाव में जो वादा कांग्रेस पार्टी ने सरकारी कर्मचारियों के साथ किया था, उसे पहली ही कैबिनेट बैठक में पूरा कर दिया. भाजपा के लिए पुरानी पेंशन राजनीति का मुद्दा है, वहीं कांग्रेस के लिए यह सरकारी कर्मचारियों के कल्याण से जुड़ा मुद्दा है. कांग्रेस राजनीतिक दृष्टिकोण से इस मामले को नहीं देखती बल्कि पूरी उम्र प्रदेश की सेवा करने वाले सरकारी कर्मचारियों को सम्मान देना चाहती है. राज्य सरकार आज पांच हजार से ज्यादा सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन को लाभ दे रही है. एनपीएस के तहत जिन्हें 2500 रुपये पेंशन मिल रही थी, अब पुरानी पेंशन लागू होने से उन्हें 25 हजार से अधिक पेंशन मिल रही है.
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