हमीरपुर: बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान की मूवी दंगल का डायलॉग "म्हारी छोरियां छोरों से कम हैं के" आपने जरूर सुना होगा. इस फिल्म में कुश्ती के अखाड़े में संगीता और बबीता फोगाट पहलवानों को पटखनी देती नजर आती है. यह तो बात हो गई फिल्मी पर्दे की. लेकिन असल जिंदगी में भी हमारी देश की लड़कियां अपनी हिम्मत और हुनर से अब पुरुषों से कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. आज एक ऐसी ही युवती से हम आपको मिलवाएंगे, जिसे देखने के बाद आप भी अचरज में पड़ जाएंगे. ये है पहाड़ी राज्य हिमाचल की नैन्सी, जो हमीरपुर की सड़कों पर यात्रियों से भरी बस को सरपट दौड़ाती हैं. देखिए लड़कियों को हिम्मत देने वाली नैन्सी की अनोखी कहानी.
सवारियों से भरी बस को नैन्सी सड़क पर सरपट दौड़ाती: ड्राइविंग को अब तक पुरुषों का पेशा माना जाता रहा है. इस क्षेत्र में महिलाओं की गिनती ना के बराबर ही थी और यहां पुरुषों का ही एकाधिकार था, लेकिन समय के साथ-साथ लोगों और समाज की सोच बदल रही है. अब महिलाएं भी सड़कों पर सवारियों से भरी हुई बस चलाती नजर आ रही हैं. हमीरपुर में चालक नैन्सी सड़क पर सवारियों से भरी बस का स्टीयरिंग संभाले हुए नजर आ रही हैं. नैन्सी निजी बस में ड्राइवर के तौर पर लोगों को उनकी मंजिल तक पहुंचाती हैं.
हमीरपुर की पहली बस महिला चालक बनी नैन्सी: इन दिनों नैन्सी हमीरपुर में प्राइवेट बस में बतौर चालक सेवाएं दे रही हैं. नैन्सी को बस चलाते देख लोग अचंभित हो रहे हैं. गलोड रूट से हमीरपुर बस अड्डे पर बस लेकर पहुंची चालक नैन्सी का बस प्रबंधक विजय ने टोपी और पुष्प देकर स्वागत किया. वहीं, इस मौके पर बस में सफर कर रही सवारियों ने भी नैन्सी की हौसला अफजाई की. बता दे कि नैंसी ने पिछले साल ही एचआरटीसी हमीरपुर में बस चलाने का प्रशिक्षण प्राप्त किया है और इससे पहले वह कांगड़ा में एंबुलेंस चला रही थी और अब निजी बस चलाने वाली हमीरपुर की पहली बस महिला चालक बनी हैं.
रिश्तेदारों ने किया विरोध, माता-पिता ने किया सपोर्ट: चालक नैन्सी ने बताया कि छोटी सी गाड़ी चलाने से सफर शुरू हुआ था और माता पिता ने चालक बनने के लिए सहमति दी. हालांकि रिश्तेदार इसके पक्ष में नहीं थे, लेकिन माता पिता ने हर कदम पर साथ दिया. माता-पिता के सहयोग से एचआरटीसी में माह का प्रशिक्षण लेकर लाइसेंस लिया है. आज पहली बार निजी बस में सवारियों को लेने का अच्छा अनुभव रहा. उन्होंने बताया कि मेरा सपना एचआरटीसी बस चालक बनने का है, जिसे वो पूरा करेंगी.
"परिवार के सहयोग से लड़कियां कुछ भी कर सकती हैं": नैन्सी ने बताया कि अगर परिवार पूरा सहयोग दें तो लडकियां किसी भी क्षेत्र में कुछ भी कर सकती हैं और किसी से कम नहीं हैं. नैन्सी ने बताया कि लड़कियों को अपनी बेड़ियां तोड़नी पड़ती है. बहुत कुछ सहना पड़ता है. फिर भी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. बस में सवारियों ने भी नैंसी के बस चलाने पर खुशी जाहिर की है और कहा कि इस तरह लड़कियों को आगे आना चाहिए. उन्होंने बताया कि बस में सफर करते हुए बहुत अच्छा लगा है.
यात्रियों को भी नैन्सी के इस कारनामे पर गर्व: बस में सफर कर रही महिला निशा और नेहा ने बताया कि उन्हें बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि लड़की बस चला रही है. लड़कियों के लिए नैन्सी बहुत ही प्रेरणा स्त्रोत है. उन्होंने कहा कि हमीरपुर की लड़कियां बहुत आगे बढ़ रही हैं. नैन्सी के भाई ने बताया कि आज उन्हें बहुत अच्छा लगा है कि आज मेरी बहन ने बस चलाना शुरू किया है. उन्होंने कहा कि लड़कियों को आज आगे आने की जरूरत है और घर से भी नैन्सी को सभी का सहयोग मिलता रहा है. निजी बस प्रबंधक विजय ने बताया कि नैन्सी के बारे में पता चला था और नैन्सी को बस चलाने के लिए पूछा था जिस पर नैन्सी ने भी सहमति जताई और आज बतौर बस चालक सेवा शुरू की है। उन्होंने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ने की कोशिश करनी चाहिए.
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