नालंदाः लोन दिलाने के नाम पर साइबर ठगी के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं. झारखंड के जामताड़ा की तरह ही बिहार का नालंदा जिला भी साइबर फ्रॉड करनेवालों के लिए सेफ जोन बनता जा रहा है. पुलिस ने लोन दिलाने के नाम पर ठगी करनेवाले ऐसे ही दो लोगों को नूरसराय थाना इलाके से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने दोनों ठगों से कैश के अलावा फ्रॉड करने के दस्तावेज और उपकरण भी बरामद किए.
गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाईः बताया जाता है कि गुप्त सूचना के आधार पर नूरसराय पुलिस ने हेगनपुरा गांव के पास दो युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पहले तो दोनों युवकों ने पुलिस को बरगलाने की भरसक कोशिश की लेकिन जब सख्ती से पूछताछ की गयी तो दोनों ने खुद को साइबर ठग बताया. पुलिस ने जब युवकों की तलाशी ली तो 42 हजार रुपये कैश, 4 स्मार्ट फोन के साथ-साथ कई दस्तावेज भी बरामद हुए.
नवादा जिले के रहनेवाले हैं दोनों आरोपीः गिरफ्तार किए गये दोनों आरोपी नवादा जिले के वारिसलीगंज थानाक्षेत्र के दौलतपुर के रहनेवाले हैं. जिनमें 22 साल का चंदन कुमार रवींद्र राम का पुत्र है तो 21 साल का रवि बोधूराम का पुत्र है. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर मेडिकल जांच के बाद जेल भेज दिया है और दोनों के पुराने रिकॉर्ड को खंगालने में जुट गयी है.
लोन दिलाने के नाम पर करते थे ठगीः नूरसराय थानाध्यक्ष रजनीश कुमार राय ने बताया कि "गिरफ्तार साइबर ठग सस्ते ब्याज दरों पर भोले-भाले लोगों को पर्सनल लोन दिलाने के नाम पर ठगी करते थे.इसी कड़ी में नवादा जिले से नालंदा पैसा लेने आए थे.तभी पुलिस को इसकी भनक लगी और दोनों साइबर ठग पुलिस के हत्थे चढ़ गये."
बैंक या विश्वस्त कंपनी से ही लोन लें: बदलते समय के साथ लोगों की जरूरतें बढ़ रही हैं. कभी-कभी उन जरूरतों को पूरा करने के लिए आदमी को पैसे उधार भी लेने पड़ते हैं. ये साइबर ठग ऐसे ही जरूरतमंद लोगों पर नजर रखते हैं और फिर उन्हें अपना शिकार बनते हैं. इसलिए लोन लेना जरूरी हो जाए तो किसी बैंक या विश्वस्त फाइनांस कंपनी से ही लें, तभी साइबर ठगी के मकड़जाल से बचा जा सकता है.
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