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डीएफओ अभिलाषा को HC से मिली राहत, नहीं होगी कोई कार्रवाई, सरकार से भी मांगा स्पष्टीकरण - DFO Abhilasha Disciplinary Action - DFO ABHILASHA DISCIPLINARY ACTION

Disciplinary action against then DFO Abhilasha तत्कालीन डीएफओ अभिलाषा को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उधमसिंह नगर के डीएम की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर दायर चार्जशीट मामले पर रोक लगा दी है. साथ ही सरकार से स्पष्टीकरण तलब किया है.

Nainital High Court
नैनीताल उच्च न्यायालय
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 5, 2024, 5:01 PM IST

नैनीताल: सेंट्रल रुद्रपुर की तत्कालीन डीएफओ अभिलाषा के खिलाफ तत्कालीन उधमसिंह नगर जिलाधिकारी की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर दायर चार्जशीट मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने चार्जशीट पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार से पूछा है कि अभिलाषा पर लगाए गए आरोपों के दस्तावेज अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से पहले उन्हें उपलब्ध कराए गए थे या नहीं? इस पर स्पष्टीकरण देने को कहा है. अब पूरे मामले की अगली सुनवाई हाईकोर्ट 9 मई को करेगा.

दरअसल, रुद्रपुर की तत्कालीन डीएफओ डॉक्टर अभिलाषा ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जब वो गर्भवती थी, उस दौरान शासकीय कार्यों में प्रतिभाग न करने को लेकर उनके खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें एक पत्र के आधार पर कारण बताओ नोटिस दिया. बाद में उनके खिलाफ चार्जशीट भी लगा दी गई. उनकी ओर से इस चार्जशीट को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में चुनौती दी गई, लेकिन अधिकरण ने चार्जशीट को निरस्त नहीं किया.

जिसके खिलाफ उन्होंने आज नैनीताल हाईकोर्ट में इसे निरस्त करने की मांग की. तत्कालीन डीएफओ अभिलाषा ने याचिका में कहा है कि जब वो मैटरनिटी लीव पर थी, उस समय वो तहसील दिवस में प्रतिभाग नहीं कर सकी. ऐसे में तत्कालीन जिलाधिकारी ने एक शिकायती पत्र के आधार पर उन्हें पहले कारण बताओ नोटिस दिया, फिर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक की कार्रवाई शुरू कर दी. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए या चार्जशीट को निरस्त किया जाए.

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नैनीताल: सेंट्रल रुद्रपुर की तत्कालीन डीएफओ अभिलाषा के खिलाफ तत्कालीन उधमसिंह नगर जिलाधिकारी की ओर से अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर दायर चार्जशीट मामले पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने चार्जशीट पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार से पूछा है कि अभिलाषा पर लगाए गए आरोपों के दस्तावेज अनुशासनात्मक कार्रवाई करने से पहले उन्हें उपलब्ध कराए गए थे या नहीं? इस पर स्पष्टीकरण देने को कहा है. अब पूरे मामले की अगली सुनवाई हाईकोर्ट 9 मई को करेगा.

दरअसल, रुद्रपुर की तत्कालीन डीएफओ डॉक्टर अभिलाषा ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि जब वो गर्भवती थी, उस दौरान शासकीय कार्यों में प्रतिभाग न करने को लेकर उनके खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी ऊधमसिंह नगर ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें एक पत्र के आधार पर कारण बताओ नोटिस दिया. बाद में उनके खिलाफ चार्जशीट भी लगा दी गई. उनकी ओर से इस चार्जशीट को केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण में चुनौती दी गई, लेकिन अधिकरण ने चार्जशीट को निरस्त नहीं किया.

जिसके खिलाफ उन्होंने आज नैनीताल हाईकोर्ट में इसे निरस्त करने की मांग की. तत्कालीन डीएफओ अभिलाषा ने याचिका में कहा है कि जब वो मैटरनिटी लीव पर थी, उस समय वो तहसील दिवस में प्रतिभाग नहीं कर सकी. ऐसे में तत्कालीन जिलाधिकारी ने एक शिकायती पत्र के आधार पर उन्हें पहले कारण बताओ नोटिस दिया, फिर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक की कार्रवाई शुरू कर दी. इसलिए इस पर रोक लगाई जाए या चार्जशीट को निरस्त किया जाए.

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