नैनीताल: उत्तरकाशी मस्जिद विवाद मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने अगली सुनवाई के लिए 24 दिसंबर की तिथि नियत की है. आज राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि वहां पर कानून व्यवस्था बनाई गई है.
दरअसल, नैनीताल हाईकोर्ट में उत्तरकाशी की अल्पसंख्यक सेवा समिति ने मस्जिद को लेकर एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि बीती 24 सितंबर से कुछ संगठनों की ओर से भटवाड़ी रोड स्थित सुन्नी समुदाय की मस्जिद को अवैध बताया जा रहा है. जिसकी वजह से वहां पर दोनों समुदायों में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. इसलिए उत्तरकाशी की मस्जिद की सुरक्षा के आदेश राज्य सरकार को दिए जाएं.
याचिका में आगे कहा गया है कि उत्तरकाशी की मस्जिद वैध है. जो साल 1969 में जमीन खरीद कर बनाई गई है. जबकि, वक्फ कमिश्नर ने साल 1986 में जमीन और मस्जिद का निरीक्षण किया था. जिसमें यह मस्जिद वैध पाई गई, लेकिन लोग मस्जिद को अवैध करार दे रहे हैं. इसके अलावा कई तरह की भड़काऊ बयानबाजी हो रही है, जो सुप्रीम कोर्ट (न्यायालय सर्वोच्च) के आदेश का उल्लंघन है.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को आदेश देकर साफतौर पर कहा है कि अगर किसी जाति, धर्म या समुदाय के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी का सहारा लिया जाता है तो राज्य सरकार सीधे मुकदमा दर्ज करे. ऐसा नहीं करने पर यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है, लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं की है.
क्या था पूरा मामला? दरअसल, बीती 24 अक्टूबर को उत्तरकाशी में 'संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल' के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने मस्जिद की वैधता को लेकर जन आक्रोश महारैली निकाली थी. जन आक्रोश महारैली के लिए पुलिस प्रशासन ने रूट और समय निर्धारित किया था, लेकिन प्रदर्शनकारी अपने तय रूट से जाने के बजाय दूसरे मार्ग से जाने लगे. ऐसे में प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोक दिया.
वहीं, बैरिकेड लगाकर रोके जाने से प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हो गई. इसी बीच प्रदर्शनकारियों की भीड़ में से किसी ने पुलिसकर्मियों पर स्टील की बोतल फेंक दी. स्टील की यह बोतल सीधे एक पुलिसकर्मी के सिर पर जा लगी. जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज कर दिया.
इतना ही नहीं मामला यहीं पर नहीं थमा, मौके पर पथराव भी हो गया. जिसके चलते मौके पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई. इसके बाद आनन-फानन में पुलिस को धारा 163 लागू करनी पड़ी. वहीं, पथराव और लाठीचार्ज की घटना में 9 पुलिसकर्मी एवं 27 लोग जख्मी हो गए. उधर, पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए 8 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया.
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