नैनीताल: मसूरी नगर पालिका परिषद की लंढौर वार्ड मेंबर की सीट को ओबीसी के लिए आरक्षित किए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब पेश करने को कहा है.
दरअसल, मसूरी निवासी आरती अग्रवाल ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिस पर मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में सुनवाई हुई. याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा गया कि सरकार की ओर से लंढौर वार्ड मेंबर की सीट को ओबीसी (महिला) के लिए आरक्षित करने की कोशिश चल रही है. इसलिए वर्तमान में रह रहे ओबीसी लोगों की लिस्ट उन्हें दिलाई जाए.
अभी तक यह सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित रही है. सर्वेक्षण के नाम पर जिन ओबीसी मतदाताओं को इसका आधार बनाया जा रहा है, वो मसूरी के स्थायी मतदाता और निवासी नहीं हैं. सरकार की ओर से यह कदम ओबीसी श्रेणी के लोगों का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए किया जा रहा है. लंढौर वार्ड में ओबीसी का प्रतिनिधित्व 14 फीसदी दिखाया गया है.
याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि सरकार का यह कदम संविधान के अनुच्छेद 14 करने के साथ ही नगर पालिका जन प्रति अधिनियम, 1916 और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 के प्रावधानों के विपरीत है. पहाड़ी क्षेत्रों से लोगों का पलायन करने के बाद मैदानी क्षेत्रों में ओबीसी की संख्या बढ़ गई है. याचिकाकर्ता की ओर से आगे कहा गया कि इस संबंध में एकल सदस्यीय आयोग में आपत्ति दर्ज की गई, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. याचिकाकर्ता की ओर से इस प्रक्रिया को रद्द करने की मांग की गई है.
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