नैनीताल: ओखलकांडा के राजकीय इंटर कॉलेज पदमपुर मिडार में सुविधाओं की कमी जुड़ी याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में शिक्षा विभाग ने विद्यालय की व्यवस्थाओं को सुधारने से जुड़े कामों का ब्यौरा रखा. जिसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका निस्तारित कर दी. पूरे मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ में हुई.
दरअसल, पदमपुर मिडार निवासी भवानी दत्त भट्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. जिसमें उन्होंने कहा था कि राजकीय इंटर कॉलेज पदमपुर मिडार में चारदीवारी, शौचालय, फर्नीचर, पुस्तकालय, प्रयोगशाला की सुविधा नहीं है. जिसके चलते छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. जो सीधे तौर पर छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है.
मामले पर सख्ती दिखाते हुए हाईकोर्ट ने इस मामले पर शासन और नैनीताल जिला शिक्षा अधिकारी से जवाब मांगा था. जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने जवाब में कोर्ट को अवगत कराया कि शौचालय, फर्नीचर, लैब की व्यवस्था विद्यालय में कर दी गई है. जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान के शिक्षक भी भेज दिए गए हैं. विद्यालय की चारदीवारी के लिए टेंडर भी जारी कर दिए गए हैं. एक महीने के भीतर चारदीवारी बन जाएगी.
वहीं, नैनीताल जिला शिक्षा अधिकारी के इस जवाब पर हाईकोर्ट ने संतुष्ट जाहिर की और याचिका को निस्तारित कर दी. बता दें कि सूबे के सरकारी स्कूलों की हालात ठीक नहीं है. आलम ये है कि कई छात्र संख्या शून्य होने पर कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है. जबकि, कई स्कूलों में गिनती भर के ही बच्चे रह गए हैं. जिसके चलते सरकार की साख पर भी सवाल उठ रहे हैं.
ये भी पढ़ें-