नैनीताल: राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से 6 महीने का ब्रिज कोर्स कर चुके अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में रेगुलर डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) के समकक्ष मानने को लेकर दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई करते हुए वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार को 4 हफ्ते के भीतर जवाब पेश करने को कहा है. अब पूरे मामले की अगली सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी.
दरअसल, अल्मोड़ा निवासी गोपाल सिंह समेत 115 ब्रिज कोर्स प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. जिसमें उन्होंने कहा है कि वे बीएड (B.Ed) डिग्रीधारी हैं और एनसीटीई से मान्यता प्राप्त ब्रिज कोर्स किया है, जो प्राथमिक शिक्षक बनने की पूर्ण योग्यता रखते हैं, लेकिन सरकार उन्हें विभागीय शासनादेश और प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की विज्ञप्ति में डीएलएड प्रशिक्षण के समकक्ष नहीं मान रही है. जिस वजह से सभी प्रशिक्षित बेरोजगार भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं.
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि साल 2016 में चयनित बीएड-टीईटी पास शिक्षकों को विशेष सेवारत प्रशिक्षण एनआईओएस यानी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से एनसीटीई (NCTE) मान्यता प्राप्त समान नियमों के अंतर्गत दिया गया. इसलिए उन्हें भी विभागीय डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के समकक्ष माना जाए. 9 अगस्त से काउंसलिंग शुरू होने वाली है. इसलिए इस काउंसलिंग में उन्हें शामिल किया जाए.
ब्रिज कोर्स के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने यह कोर्स एनसीटीई के नियमों के तहत किया है, लेकिन उन्हें सरकार और शिक्षा विभाग नई भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं कर रही है. इससे पहले भी 87 लोगों की ओर से साल 2020 में नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. जिसमें भी सितंबर महीने में सुनवाई होनी है. वर्तमान समय में करीब 2,900 प्राथमिक शिक्षक भर्ती चल रही है. उनको भी इसमें प्रतिभाग करने का अवसर दिया जाए. उन्होंने यह कोर्स साल 2017 से 2019 के बीच पूरा कर लिया था.
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