नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि तीन दिन के भीतर उच्च न्यायालय के 17 अक्टूबर 2024 का आदेश प्रस्तुत करें. मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी.
मामले के अनुसार, हल्द्वानी के चोरगलिया निवासी सामाजिक कार्यकर्ता व आरटीआई एक्टिविस्ट भुवन चंद्र पोखरिया ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि मुख्य सचिव ने कोर्ट के आदेश का अनुपालन नहीं किया. कोर्ट ने पूर्व में अपने आदेश में कहा था कि 'आपने (मुख्य सचिव) 27 जुलाई 2024 को जो पत्र मुख्य स्थायी अधिवक्ता को प्रस्तुत किया था, उसके संदर्भ में आप अपना एक व्यक्तिगत शपथपत्र पेश करेंगे'. लेकिन अभी तक मुख्य सचिव के द्वारा अपना कोई व्यक्तिगत शपथ पत्र पेश नहीं किया है और न ही कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया गया. इसलिए उनके द्वारा मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की.
ये है मामला: पूर्व में पोखरिया ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य सरकार ने बिना राज्य के न्याय विभाग की अनुमति और न चीफ सेक्रेटरी की अनुमति लिए राज्य के केसों की प्रभावी पैरवी करने हेतु बाहरी राज्य के वकीलों को 8 से 10 लाख रुपए प्रति दिन के हिसाब से हायर किया. लेकिन राज्य सरकार की केसों की पैरवी किए ही बिना राज्य सरकार ने उन्हें लाखों का पेमेंट कर दिया.
इस पर कोर्ट ने मुख्य सचिव से अपना व्यक्तिगत शपथपत्र पेश करने को कहा था. लेकिन मुख्य सचिव द्वारा केवल एक पत्र भेजा. इस पत्र पर कोर्ट ने मुख्य सचिव से कहा था कि आप इसको शपथपत्र के माध्यम से पेश करें, जो अभी तक उनके द्वारा पेश नहीं किया. इसलिए मुख्य सचिव अवमानना के दोषी हैं.
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