झांसी : बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के नैक ग्रेड में संशोधन होने के साथ ही उसे उच्चतम ए प्लस-प्लस ग्रेड प्रदान कर दिया गया है. पिछली बार विवि मामूली अंतर से यह ग्रेड प्राप्त करने में चूक गया था. विवि प्रशासन ने इसके खिलाफ अपील की थी. इस पर नैक टीम ने माना है कि मूल्यांकन में उनसे चूक हुई. कुछ दस्तावेजों का मूल्यांकन नहीं हो सका था. इन दस्तावेजों को देखने के बाद नैक की ओर से परिणाम संशोधित किया गया और विवि को ए प्लस-प्लस ग्रेड का सर्टिफिकेट प्रदान कर दिया गया.
राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) की टीम ने दिसंबर में बीयू के नैक ग्रेड का मूल्यांकन किया गया था. इसमें बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की शैक्षणिक शोध गवर्नेस एवं अन्य व्यवस्थाओं को परखा गया. 21 दिसंबर को नैक टीम ने परिणाम घोषित किया, जिसमें बीयू को 3.53 अंक प्राप्त हुए. ए प्लस-प्लस ग्रेड के जरूरी अंकों से मात्र .04 अंक से विवि पीछे रह गया और उसे ए प्लस ग्रेड दे दिया गया. विवि के कुलपति प्रो मुकेश पांडे के निर्देश पर विवि अधिकारियों ने नैक में अपील दायर की और दस्तावेजों के साथ प्राप्त अंकों में सुधार के लिए आवेदन कर दिया. इस पर नैक ने माना है कि कुछ दस्तावेजों का मूल्यांकन न हो पाने के कारण उनसे चूक हुई है. विवि द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों का मूल्यांकन किया गया, इसके बाद नैक की ओर से विश्वविद्यालय को उच्चतम ए प्लस-प्लस ग्रेड प्रदान कर दिया गया. उच्चतम ग्रेड मिलने पर बीयू प्रशासन गदगद है.
बुंदेलखंड विश्विद्यालय का इतिहास : बीयू की स्थापना 26 अगस्त 1975 को हुई थी और विश्वविद्यालय पहली बार मई 2004 में नैक मूल्यांकन में शामिल हुआ. उसमें बी प्लस ग्रेड मिला था. द्वितीय चरण के नैक मूल्यांकन में मार्च 2011 में विवि का ग्राफ गिरा और उसे बी ग्रेड से संतोष करना पड़ा. तीसरे चरण में वर्ष 2017 में विवि फिर बी-प्लस ग्रेड पर पहुंच गया. इस बार चौथे चरण में विश्वविद्यालय को ए प्लस ग्रेड मिला था, जो अब संशोधित कर ए प्लस-प्लस कर दिया गया है. राष्ट्रीय स्तर की संस्था से चूक बनी चर्चा का विषय नैक ने कुछ दस्तावेजों के आधार पर परिणाम संशोधित कर दिया है, पर राष्ट्रीय स्तर की संस्था से ऐसी चूक चर्चा का विषय बन गई है. नैक की टीम मूल्यांकन कार्य में कभी जल्दबाजी नहीं करती. नैक बेहद पारदर्शी संस्थाओं में गिना जाता है. टीम एक हफ्तों तक मूल्यांकन कार्य करती है, उसके बाद ही परिणाम घोषित किया जाता है. ऐसे में विवि के मामले में ऐसी गलती कैसे हो गई, यह किसी को हजम नहीं हो रहा है. हालांकि, विवि की ग्रेडिंग उच्चीकृत होना बुंदेलखंड के लिहाज से बड़ी उपलब्धि है.
बीयू को ए प्लस-प्लस ग्रेड मिलने से यह होगा फायदा : कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय ने बताया कि बीयू को ए प्लस-प्लस ग्रेड मिलने से उसका एकेडेमिक स्टेटस बदल गया है. अब विवि को केंद्र व राज्य सरकार से और अधिक अनुदान प्राप्त होगा, तो शिक्षकों के हाथों में बड़े प्रोजेक्ट आएंगे. विवि में प्लेसमेंट के लिए बड़ी कंपनियां आएंगी और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. विवि अब अपने नए ग्रेड के अनुसार देश व विदेश में शामिल समकक्ष विश्वविद्यालयों के साथ अनुबंध कर सकेगा. विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं का बड़े स्तर के ग्रेड के विश्वविद्यालयों से शैक्षणिक आदान-प्रदान बढ़ेगा. इसके साथ ही शोध का स्तर भी बढ़ेगा. जेआरएफ व एसआरएफ के साथ नैशनल फैलोशिप के लिए अधिक शोधार्थी यहां आएंगे. प्लेसमेंट के लिए अच्छी कंपनियां आएंगी.