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कोरबा के करतला में 15 फरवरी को हुई हत्या की गुत्थी सुलझी, गिरफ्त में आए मास्टरमाइंड - सिद्धार्थ तिवारी एसपी कोरबा

murder in Kartala of Korba solved कोरबा के करतला में हुई हत्याकांड की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है. पुलिस ने हत्या में शामिल सभी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस की पूछताछ में हत्यारों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है. police caught murderers

murder in Kartala of Korba
गिरफ्त में आए मास्टरमाइंड
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 1, 2024, 10:24 PM IST

गिरफ्त में आए मास्टरमाइंड

कोरबा:15 फरवरी को वनांचल क्षेत्र करतला के गांव लबेद के पास हुए युवक की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. हत्या के 15 दिन बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाई है. हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 15 दिन गांव में कैंप किया. नेपाल बॉर्डर के रास्ते फरार होने की फिराक में पहुंचे एक आरोपी को पकड़ा. हत्या के मुख्य आरोपी को रायपुर से पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

15 फरवरी को हुई थी हत्या: 15 फरवरी को गांव सेदरीपाली के अजय प्रकाश साहू ने करतला थाने ने रिपोर्ट दर्ज दर्ज कराई. रिपोर्ट में कहा गया कि 14 और 15 फरवरी की दरम्यानी रात को मेरे बड़े भाई अमित कुमार साहू की अज्ञात लोगों के द्वारा ग्राम औरई से लबेद वनमार्ग पर हत्या कर दी गयी है. हत्यारों ने सिर को पत्थर से कुचलकर और बोलेरो वाहन से कुचलकर हत्या की. पुलिस ने रिपोर्ट लिखने के बाद अपनी जांच शुरु कर दी.


शुरुआती जांच में पुलिस को नहीं मिला था सुराग: पुलिस को अपनी शुरुआती जांच में हत्यारों के संबंध में कोई सुराग नहीं मिला. बाद में पुलिस ने हत्यारों को पकड़ने के लिए फॉरेंसिक टीम और डॉग स्कॉयड की मदद ली गई. खुद कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए 20 सदस्यीय टीम का गठन किया. पुलिस ने गांव में कैंप किया और सुराग तलाशे. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि तीनों हत्यारों ने किसी बहाने मृतक को रात के वक्त अपने पास बुलाया. आरोपियों ने पहले फिरौती की मांग की. फिरौती नहीं मिलने और पहचान उजागर होने के डर से तीनों ने युवक की बेहरमी से हत्या कर दी. हत्या के बाद आरोपी बड़ी ही चालाकी से पुलिस को भी छकाते रहे.

लूटे गए मोबाइल से किया था कॉल: हत्या की वारदात को सुलझाना पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही थी. कोरबा की सायबर सेल टीम भी अपना काम कर रही थी. जांच के दौरान ये पता चला कि बोलेरो गाड़ी पर खून के निशान हैं. मृतक की बॉडी के पास मोबाइल फोन, घड़ी, खून से सना पत्थर पड़ा मिला. मौके से हुडी कैप भी पुलिस ने बरामद किया. पुलिस को पता चला कि मृतक को फोन कर गाड़ी से कोरबा हॉस्पिटल मरीज को ब्लड देने जाने के लिए बुलाया गया था. जिस नंबर से फोन किया गया था वो नंबर केरवा के एक शख्स का था. पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि काले रंग की स्कूटी से दो लोग शाम को फोन लूटकर भागे थे.

तीसरे आरोपी ने खोला राज: पूछताछ के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि घटना के बाद से गांव नवाडीह के 3 व्यक्ति गांव में नहीं हैं. संदेह के आधार पर इनमें से एक पवन कुमार कंवर से पूछताछ की गई. पुलिस का शक सच निकला पवन ने अपने 2 और साथियों के साथ घटना को अंजाम देना स्वीकार किया. पवन कुमार कंवर की निशानदेही पर रायपुर से मुख्य आरोपी हेमलाल दिव्य और राजेश कुमार लहरे को गोरखपुर नेपाल बार्डर के पास से पकड़ा गया. पुलिस ने आरोपियों के पास से हथियार भी बरामद किए हैं.

आरोपियों ने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार किया है. आरोपियों ने बताया कि लूटपाट और फिरौती के नीयत से मृतक को धोखे से बुलाकर अपहरण कर लिया था. पकड़े गए लोगों ने कहा कि उनको ये जानकारी थी कि दोनों भाईयों के पास काफी पैसा रहता है. पैसे को हासिल करने के लिए सभी ने मिलकर ये साजिश रची. हत्यारों को इस बात का डर था कि अगर मृतक बच गया तो उन लोगों की पहचान हो जाएगी. पहचाने जाने के डर से हत्यारों ने उसकी हत्या कर दी. - सिद्धार्थ तिवारी, एसपी, कोरबा

हत्यारों को मिलेगी कड़ी सजा: आरोपियों के निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया हसिया, गमछा और लूटा गया मोबाइल फोन बरामद कर लिया है. पुलिस इस हत्याकांड की उलझी गुत्थी को सुलझाने में सफलता प्राप्त की. हत्या के पीछे का मकसद लालच और पैसा था.

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गिरफ्त में आए मास्टरमाइंड

कोरबा:15 फरवरी को वनांचल क्षेत्र करतला के गांव लबेद के पास हुए युवक की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है. हत्या के 15 दिन बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को पकड़ने में सफलता पाई है. हत्यारों को पकड़ने के लिए पुलिस ने 15 दिन गांव में कैंप किया. नेपाल बॉर्डर के रास्ते फरार होने की फिराक में पहुंचे एक आरोपी को पकड़ा. हत्या के मुख्य आरोपी को रायपुर से पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

15 फरवरी को हुई थी हत्या: 15 फरवरी को गांव सेदरीपाली के अजय प्रकाश साहू ने करतला थाने ने रिपोर्ट दर्ज दर्ज कराई. रिपोर्ट में कहा गया कि 14 और 15 फरवरी की दरम्यानी रात को मेरे बड़े भाई अमित कुमार साहू की अज्ञात लोगों के द्वारा ग्राम औरई से लबेद वनमार्ग पर हत्या कर दी गयी है. हत्यारों ने सिर को पत्थर से कुचलकर और बोलेरो वाहन से कुचलकर हत्या की. पुलिस ने रिपोर्ट लिखने के बाद अपनी जांच शुरु कर दी.


शुरुआती जांच में पुलिस को नहीं मिला था सुराग: पुलिस को अपनी शुरुआती जांच में हत्यारों के संबंध में कोई सुराग नहीं मिला. बाद में पुलिस ने हत्यारों को पकड़ने के लिए फॉरेंसिक टीम और डॉग स्कॉयड की मदद ली गई. खुद कोरबा एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए 20 सदस्यीय टीम का गठन किया. पुलिस ने गांव में कैंप किया और सुराग तलाशे. जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि तीनों हत्यारों ने किसी बहाने मृतक को रात के वक्त अपने पास बुलाया. आरोपियों ने पहले फिरौती की मांग की. फिरौती नहीं मिलने और पहचान उजागर होने के डर से तीनों ने युवक की बेहरमी से हत्या कर दी. हत्या के बाद आरोपी बड़ी ही चालाकी से पुलिस को भी छकाते रहे.

लूटे गए मोबाइल से किया था कॉल: हत्या की वारदात को सुलझाना पुलिस के लिए चुनौती बनती जा रही थी. कोरबा की सायबर सेल टीम भी अपना काम कर रही थी. जांच के दौरान ये पता चला कि बोलेरो गाड़ी पर खून के निशान हैं. मृतक की बॉडी के पास मोबाइल फोन, घड़ी, खून से सना पत्थर पड़ा मिला. मौके से हुडी कैप भी पुलिस ने बरामद किया. पुलिस को पता चला कि मृतक को फोन कर गाड़ी से कोरबा हॉस्पिटल मरीज को ब्लड देने जाने के लिए बुलाया गया था. जिस नंबर से फोन किया गया था वो नंबर केरवा के एक शख्स का था. पुलिस की जांच आगे बढ़ी तो पता चला कि काले रंग की स्कूटी से दो लोग शाम को फोन लूटकर भागे थे.

तीसरे आरोपी ने खोला राज: पूछताछ के दौरान पुलिस को सूचना मिली कि घटना के बाद से गांव नवाडीह के 3 व्यक्ति गांव में नहीं हैं. संदेह के आधार पर इनमें से एक पवन कुमार कंवर से पूछताछ की गई. पुलिस का शक सच निकला पवन ने अपने 2 और साथियों के साथ घटना को अंजाम देना स्वीकार किया. पवन कुमार कंवर की निशानदेही पर रायपुर से मुख्य आरोपी हेमलाल दिव्य और राजेश कुमार लहरे को गोरखपुर नेपाल बार्डर के पास से पकड़ा गया. पुलिस ने आरोपियों के पास से हथियार भी बरामद किए हैं.

आरोपियों ने पूछताछ में अपना जुर्म स्वीकार किया है. आरोपियों ने बताया कि लूटपाट और फिरौती के नीयत से मृतक को धोखे से बुलाकर अपहरण कर लिया था. पकड़े गए लोगों ने कहा कि उनको ये जानकारी थी कि दोनों भाईयों के पास काफी पैसा रहता है. पैसे को हासिल करने के लिए सभी ने मिलकर ये साजिश रची. हत्यारों को इस बात का डर था कि अगर मृतक बच गया तो उन लोगों की पहचान हो जाएगी. पहचाने जाने के डर से हत्यारों ने उसकी हत्या कर दी. - सिद्धार्थ तिवारी, एसपी, कोरबा

हत्यारों को मिलेगी कड़ी सजा: आरोपियों के निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया हसिया, गमछा और लूटा गया मोबाइल फोन बरामद कर लिया है. पुलिस इस हत्याकांड की उलझी गुत्थी को सुलझाने में सफलता प्राप्त की. हत्या के पीछे का मकसद लालच और पैसा था.

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