मुजफ्फरपुर: बिहार में ट्रेन टिकट टेंपरिंग गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. मुजफ्फरपुर आरपीएफ ने टेक्निकल सर्विलांस के आधार पर छापेमारी कर पटना से उनको अरेस्ट किया है. यह चारों आरोपी लोकल टिकट में टेंपरिंग कर उसे लंबी दूरी का टिकट बना देते थे और टिकट काउंटर पर खड़े भोली-भाली जनता को बेचकर उससे अथाह रुपये कमाते थे.
ट्रेन टिकट टेंपरिंग गिरोह के 4 सदस्य गिरफ्तार: पुलिस ने बताया कि इन आरोपियों के काम करने का तरीका कुछ अलग था. पहले गिरोह का एक सदस्य किसी भी व्यस्त जंक्शन से कम दूरी का लोकल टिकट खरीद लेता था, फिर उसे लंबी दूरी के टिकट में बदल दिया करता था.
किस तरह करते थे टिकट में टेंपरिंग?: उदाहरण के तौर पर एक ने पटना से हाजीपुर का टिकट खरीद लिया, जिसके लिए उसे लगभग ₹20 देने पर अब उस टिकट के पैसे में हेराफेरी कर पहले यह पता लगाया कि पटना से बेंगलुरु का भाड़ा कितना है. वहीं, गिरोह के अन्य सदस्य पटना से खुलने वाली गाड़ी के लिए पटना तो वैसे ही रहने देते थे लेकिन हाजीपुर को मिटाकर उसे बेंगलुरु लिख देते थे. उसके बाद जो भी बेंगलुरु का भाड़ा होता था. उसे लोकल टिकट पर अंकित कर देते थे और यह सारा काम केवल और केवल मोहर के द्वारा ही किया जाता था.
कैसे हुआ टिकट टेंपरिंग का खुलासा?: लगभग 2 महीने पहले किसी यात्री को ट्रेन नहीं पकड़ पाने की वजह से टिकट वापस करने की स्थिति आ गई और जब वह टिकट वापस करने पहुंचा, तब पता चला कि उसका टिकट टेंपरिंग किया हुआ है. उस यात्री ने दो महीने पहले मुजफ्फरपुर में केस दर्ज करवाया और मामले की जांच शुरू हुई.
क्या बोले आरपीएफ इंस्पेक्टर?: आरपीएफ इंस्पेक्टर मनीष कुमार ने बताया कि शिकायत के बाद टेक्निकल सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज को देखते हुए आरपीएफ मुजफ्फरपुर में केस का अनुसंधान शुरू हुआ और 2 महीने के अथक प्रयास के बाद पटना के गोरिया टोली इलाके के होटल से गिरोह के चार सदस्यों की गिरफ्तारी हुई. उनके पास से टिकट और मुहर भी बरामद हुआ है.
"ट्रेन टिकट से छेड़छाड़ करने वाले गिरोह के चार सदस्यों को पटना से गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से सैकड़ों मुहर, जाली टिकट और मोबाइल भी बरामद हुआ है. इनसे पूछताछ के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी." - मनीष कुमार, इंस्पेक्टर, मुजफ्फरपुर आरपीएफ
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