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साइबर अपराधियों की जाल में फंसे जदयू नेता, IPS की फर्जी मैसेंजर आईडी बनाकर ठगे 80 हजार - मुजफ्फरपुर में जदयू नेता से ठगी

Muzaffarpur Cyber Crime: मुजफ्फरपुर में साइबर अपराधियों ने जदयू नेता से लगभग 80 हजार रुपए की ठगी की है. अपराधियों ने आईपीएस की फर्जी आईडी बनाकर इस घटना को अंजाम दिया.

मुजफ्फरपुर में साइबर ठगी
मुजफ्फरपुर में साइबर ठगी
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 21, 2024, 12:36 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में जदयू नेता से ठगी की गई है. यहां साइबर अपराधियों ने पैसों की ठगी के लिए आईपीएस का नाम और फोटो लगी फेसबुक आईडी का इस्तेमाल किया, जिसमें जदयू के औराई प्रखंड अध्यक्ष बेचन महतो फंस गए. जिसके बाद उनसे लगभग 80 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी कर ली गई.

मामले की शिकायत दर्ज: प्रखंड अध्यक्ष ने औराई थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. बताया कि कई अन्य लोगों से भी इसी तरह, इसी नाम पर ठगी की गई है. इसको लेकर औराई के राजखंड निवासी जदयू नेता ने पुलिस को बताया कि बीते साल 24 दिसंबर की शाम साढ़े तीन बजे आइपीएस जयंतकांत की फोटो लगी मैसेंजर आइडी से उनके पास मैसेज आया.

कुछ इस तरह जाल में फंसे जदयू नेता: बेचन महतो ने बताया कि पहले मैसेज पर उनसे हाल-चाल पूछा और फिर मोबाइल नंबर मांगा. मोबाइल नंबर बताने पर फिर मैसेज आया कि सीआरपीएफ में उनके मित्र ऑफिसर हैं, जिनका ट्रांसफर जम्मू-कश्मीर हो गया है. उन्हें अपना फर्नीचर जल्दी में बेचना है. तुम्हारे नंबर पर सीआरपीएफ अधिकारी संतोष कॉल करेंगे, उनका फर्नीचर सस्ते में मिल जाएगा.

जदयू नेता से 80 हजार रुपए की ठगी: जिसके बाद जदयू नेता ने फर्नीचर का दाम 60 हजार लगाया. फिर संतोष ने व्हाट्सएप पर स्कैनर भेजा, अलग-अलग यूपीआई आईडी से जदयू नेता ने 60 हजार भेज दिया. तब ट्रक के चालान का 21 हजार 750 रुपए चार्ज मांगा. जदयू नेता को संदेह हुआ तो जयंतकांत वाले मैसेंजर से उन्हें मैसेज आया, उसने बोला कि घबराओ नहीं सिक्योरिटी चार्जेज भेज दो. विश्वास में आकर बेचन महतो ने यूपीआई से यह राशि भी भेज दी, इसके बाद संतोष का मोबाइल बंद हो गया.

"25 दिसंबर को संतोष कुमार नामक व्यक्ति ने सीआरपीएफ का अधिकारी बनकर बातचीत की. उसने जयंतकांत को अपना मित्र बताया. उसने व्हाट्सएप पर फर्नीचर का फोटो भेजा और बोला कि 95 हजार रुपए में सारा सामान सीआरपीएफ कैंप से ट्रक से होम डिलीवरी हो जाएगा. उसने स्कैनर भेज कर पैसे मंगवा लिए."- बेचन महतो, जदयू नेता

पढ़ें: बिहार में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी, साइबर फ्रॉड ने इंजीनियर की पत्नी से ठगे 83 लाख रुपये

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में जदयू नेता से ठगी की गई है. यहां साइबर अपराधियों ने पैसों की ठगी के लिए आईपीएस का नाम और फोटो लगी फेसबुक आईडी का इस्तेमाल किया, जिसमें जदयू के औराई प्रखंड अध्यक्ष बेचन महतो फंस गए. जिसके बाद उनसे लगभग 80 हजार रुपए की ऑनलाइन ठगी कर ली गई.

मामले की शिकायत दर्ज: प्रखंड अध्यक्ष ने औराई थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. बताया कि कई अन्य लोगों से भी इसी तरह, इसी नाम पर ठगी की गई है. इसको लेकर औराई के राजखंड निवासी जदयू नेता ने पुलिस को बताया कि बीते साल 24 दिसंबर की शाम साढ़े तीन बजे आइपीएस जयंतकांत की फोटो लगी मैसेंजर आइडी से उनके पास मैसेज आया.

कुछ इस तरह जाल में फंसे जदयू नेता: बेचन महतो ने बताया कि पहले मैसेज पर उनसे हाल-चाल पूछा और फिर मोबाइल नंबर मांगा. मोबाइल नंबर बताने पर फिर मैसेज आया कि सीआरपीएफ में उनके मित्र ऑफिसर हैं, जिनका ट्रांसफर जम्मू-कश्मीर हो गया है. उन्हें अपना फर्नीचर जल्दी में बेचना है. तुम्हारे नंबर पर सीआरपीएफ अधिकारी संतोष कॉल करेंगे, उनका फर्नीचर सस्ते में मिल जाएगा.

जदयू नेता से 80 हजार रुपए की ठगी: जिसके बाद जदयू नेता ने फर्नीचर का दाम 60 हजार लगाया. फिर संतोष ने व्हाट्सएप पर स्कैनर भेजा, अलग-अलग यूपीआई आईडी से जदयू नेता ने 60 हजार भेज दिया. तब ट्रक के चालान का 21 हजार 750 रुपए चार्ज मांगा. जदयू नेता को संदेह हुआ तो जयंतकांत वाले मैसेंजर से उन्हें मैसेज आया, उसने बोला कि घबराओ नहीं सिक्योरिटी चार्जेज भेज दो. विश्वास में आकर बेचन महतो ने यूपीआई से यह राशि भी भेज दी, इसके बाद संतोष का मोबाइल बंद हो गया.

"25 दिसंबर को संतोष कुमार नामक व्यक्ति ने सीआरपीएफ का अधिकारी बनकर बातचीत की. उसने जयंतकांत को अपना मित्र बताया. उसने व्हाट्सएप पर फर्नीचर का फोटो भेजा और बोला कि 95 हजार रुपए में सारा सामान सीआरपीएफ कैंप से ट्रक से होम डिलीवरी हो जाएगा. उसने स्कैनर भेज कर पैसे मंगवा लिए."- बेचन महतो, जदयू नेता

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