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नूंह में 3 हजार हेक्टेयर भूमि पर सरसों की फसल, गुणवत्ता में अव्वल और उत्पादन में दूसरे स्थान पर जिला - MUSTARD CROP IN NUH

नूंह में करीब 3 हजार हेक्टेयर भूमि में पीला सोना यानी सरसों की फसल लगी हुई है. किसानों को सिर्फ बरसात का इंतजार है.

Mustard crop in Nuh
Mustard crop in Nuh (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jan 11, 2025, 5:24 PM IST

नूंह: हरियाणा में सरसों उत्पादन में नूंह जिला दूसरे स्थान पर है. लेकिन गुणवत्ता के मामले में यह जिला प्रदेशभर में अव्वल नंबर पर आता है. यहां की सरसों के दाने का साइज बड़ा होने के साथ-साथ तेल की मात्रा भी दूसरे जिलों के मुकाबले अधिक होती है. इस बार कई दिन पहले हुई बरसात से किसानों को सरसों के अच्छे उत्पादन की आस जग गई है. अगर एमएसपी के हिसाब से सरसों की फसल को खरीदा गया तो किसान की माली हालत बेहतर हो सकती है.

3 हजार हेक्टेयर भूमि में सरसों: आपको बता दें कि हरियाणा के नूंह जिले में तकरीबन 3 हजार हेक्टेयर भूमि में पीला सोना यानी सरसों की फसल लहलहा रही है. नूंह जिले में सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं है. यही कारण है कि यहां सरसों की बुवाई अधिक की जाती है. क्योंकि इस फसल में कम सिंचाई लगती है. बरसात अगर हो जाती है, तो किसानों के लिए किसी सोने पर सुहागा जैसा हो जाता है. कृषि उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र देव आर्य ने कहा कि नूंह जिला सरसों उत्पादन में दूसरे नंबर पर आता है. लेकिन गुणवत्ता के मामले में यह प्रदेश में अव्वल है. क्योंकि यहां की जो भूमि में सल्फर है, वह कई गुणा अधिक है.

Mustard crop in Nuh (Etv Bharat)

बरसात पर आधारित है सरसों: यही वजह है कि न केवल दाने का साइज यहां बड़ा होता है. बल्कि तेल की मात्रा भी इस सरसों में अधिक होती है. नूंह जिले के नगीना खंड के अधिकतर गांव ऐसे हैं, जिनमें सिंचाई का पानी नहीं है और सरसों इत्यादि फसल सिर्फ बरसात पर ही आधारित है. इस बार कुदरत ने बरसात की तो किसानों को अच्छे उत्पादन की आस भी जग गई. अभी भी मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक-दो दिन में बारिश की संभावना जताई गई है.

बरसात से सरसों का बंपर उत्पादन: अगर बारिश हुई तो उत्पादन बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. लेकिन इन दिनों में ओलावृष्टि का खतरा लगातार बना रहता है. इलाके में कड़ाके की ठंड व धुंध पड़ रही है. जिसे फसलों के लिए काफी लाभकारी माना जा रहा है. कुल मिलाकर पीला सोना इस बार किसानों की बल्ले-बल्ले करता हुआ नजर आ रहा है और कृषि विभाग भी इस बार बरसात होने की वजह से अच्छे उत्पादन की उम्मीद लगाए बैठा है.

ये भी पढ़ें: घनी धुंध ने कामकाज और यातायात पर डाला असर, विजिबिलिटी जीरो होने से वाहन चालकों को परेशानी

ये भी पढ़ें: अगले दो दिन हरियाणा में बारिश, जानिए कैसे करें गेहूं और सरसों की फसल का बचाव

नूंह: हरियाणा में सरसों उत्पादन में नूंह जिला दूसरे स्थान पर है. लेकिन गुणवत्ता के मामले में यह जिला प्रदेशभर में अव्वल नंबर पर आता है. यहां की सरसों के दाने का साइज बड़ा होने के साथ-साथ तेल की मात्रा भी दूसरे जिलों के मुकाबले अधिक होती है. इस बार कई दिन पहले हुई बरसात से किसानों को सरसों के अच्छे उत्पादन की आस जग गई है. अगर एमएसपी के हिसाब से सरसों की फसल को खरीदा गया तो किसान की माली हालत बेहतर हो सकती है.

3 हजार हेक्टेयर भूमि में सरसों: आपको बता दें कि हरियाणा के नूंह जिले में तकरीबन 3 हजार हेक्टेयर भूमि में पीला सोना यानी सरसों की फसल लहलहा रही है. नूंह जिले में सिंचाई के पर्याप्त साधन नहीं है. यही कारण है कि यहां सरसों की बुवाई अधिक की जाती है. क्योंकि इस फसल में कम सिंचाई लगती है. बरसात अगर हो जाती है, तो किसानों के लिए किसी सोने पर सुहागा जैसा हो जाता है. कृषि उपनिदेशक डॉ. वीरेंद्र देव आर्य ने कहा कि नूंह जिला सरसों उत्पादन में दूसरे नंबर पर आता है. लेकिन गुणवत्ता के मामले में यह प्रदेश में अव्वल है. क्योंकि यहां की जो भूमि में सल्फर है, वह कई गुणा अधिक है.

Mustard crop in Nuh (Etv Bharat)

बरसात पर आधारित है सरसों: यही वजह है कि न केवल दाने का साइज यहां बड़ा होता है. बल्कि तेल की मात्रा भी इस सरसों में अधिक होती है. नूंह जिले के नगीना खंड के अधिकतर गांव ऐसे हैं, जिनमें सिंचाई का पानी नहीं है और सरसों इत्यादि फसल सिर्फ बरसात पर ही आधारित है. इस बार कुदरत ने बरसात की तो किसानों को अच्छे उत्पादन की आस भी जग गई. अभी भी मौसम विभाग के मुताबिक अगले एक-दो दिन में बारिश की संभावना जताई गई है.

बरसात से सरसों का बंपर उत्पादन: अगर बारिश हुई तो उत्पादन बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता. लेकिन इन दिनों में ओलावृष्टि का खतरा लगातार बना रहता है. इलाके में कड़ाके की ठंड व धुंध पड़ रही है. जिसे फसलों के लिए काफी लाभकारी माना जा रहा है. कुल मिलाकर पीला सोना इस बार किसानों की बल्ले-बल्ले करता हुआ नजर आ रहा है और कृषि विभाग भी इस बार बरसात होने की वजह से अच्छे उत्पादन की उम्मीद लगाए बैठा है.

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