वाराणसी: मुस्लिम महिला फाउंडेशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं ने महंत बालक दास की आरती उतारी. गुरु पद का सम्मान किया और रामनामी दुपट्टा ओढ़ाया. नाजनीन अंसारी के साथ मुस्लिम महिलाओं ने महंत बालक दास से रामनाम का मंत्र भी लिया.
मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाज़नीन अंसारी ने कहा कि आज गुरू पूर्णिमा के पावन पर्व पर हम सभी हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के लोगों ने मिलकर के पातालपुरी मठ के पीठाधीश्वर महंत बालकदास की आरती उतारी है. तिलक किया और पूरी दुनिया को यह संदेश दिया कि गुरू की कोई धर्म-जाति नही होती है. गुरू धर्म-जाति के बन्धनों से मुक्त होता है. गुरू-शिष्य परंपरा धर्म जाति के बंधनों से मुक्त है. यह परंपरा भारतीय संस्कृति की परंपरा है. एक अच्छा गुरू धर्म और ज्ञान के रास्ते पर चलना सिखाता है. जीवन में एक सच्चे और अच्छे गुरू का होना आवश्यक है.
वहीं इस अवसर पर रामपंथ के पंथचार्य डॉ. राजीव श्रीगुरुजी ने कहा कि जहां सारे भेद खत्म हो जाएं, वहीं राम हैं. रामनाम का मंत्र लेने वाला कभी और कहीं भी भेद नहीं कर सकता. पातालपुरी मठ ने नया इतिहास रचा है. दलित और मुस्लिम समाज ने अपने गुरु बालक दास को सम्मान देकर एकता और भाईचारा का संदेश दिया.
महंत बालक दास ने कहा कि रामपंथ में बिना किसी भेदभाव के रामनाम की दीक्षा देंगे. भगवान राम के शरण में जो भी आएगा, सब हमारे हैं. जो भी रामभक्ति से जुड़ना चाहता है, वह सब आएं. हमें सब स्वीकार हैं. हिन्दू धर्म में सबकी स्वीकारोक्ति है.
इस अवसर पर डॉ. अर्चना भारतवंशी, नाजनीन अंसारी, डॉ. नजमा परवीन, खुर्शीदा बेगम, शबनम, शबाना, कुलसुम, राबिया बानो, हुसना बानो, रुखसार, तसकिया जमाल, मो. शहाबुद्दीन, मो. अफरोज, शमशाद अली, रोजा भारतवंशी, आभा भारतवंशी, अफसर अंसारी, राजकुमार सिंह गौतम, अंकित, सचिन, डॉ. धनंजय यादव, इली, खुशी, उजाला, दक्षिता व अन्य लोग मौजूद रहे.