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पटना में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठकः चार राज्यों के प्रतिनिधियों ने की वक्फ संशोधन विधेयक वापस लेने की मांग - Wakf Amendment Bill 2024

Muslim Personal Law Board meeting केंद्र सरकार ने वक्फ कानून में बदलाव के लिए लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पेश किया. विधेयक पर सदन में चर्चा के बाद संसद की संयुक्त समिति के पास भेज दिया गया है. लेकिन, इस पर राजनीति तेज हो गयी है. पटना के बापू सभागार में आज वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ इमारते शरिया द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. पढ़ें, विस्तार से.

Muslim Personal Law Board meeting
पटना में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 15, 2024, 8:17 PM IST

पटना में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक (ETV Bharat)

पटना: राजधानी पटना के बापू सभागार में रविवार 15 सितंबर को वक्फ संशोधन विधेयक 2024 के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रस्ताव पर इमारते शरिया द्वारा "प्रोटेक्शन का वक्फ" का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बिहार, उड़ीसा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में मुस्लिम बुद्धिजीवी शामिल हुए.

मौलिक अधिकार के खिलाफः ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी की अध्यक्षता में इस बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एवं वक्फ बोर्ड से जुड़े लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार, वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करके अल्पसंख्यक की जमीन और संपत्ति को जब्त करना चाहती है. केंद्र सरकार का उद्देश्य मुसलमान को वक्फ के लाभ और मुनाफे से वंचित करना है, जो भारत के संविधान में दी गई धार्मिक और मौलिक अधिकारों के खिलाफ है.

विधेयक को वापस ले सरकारः बैठक में केंद्र सरकार से मांग की गई कि इस संशोधन विधेयक को तुरंत वापस लिया जाए. क्योंकि यह विधेयक वक्फ की सुरक्षा के लिए नहीं है बल्कि वक्फ की संपत्ति को अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करना है. मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी ने कहा कि यह हमारे धर्म में हस्तक्षेप है और हम किसी भी स्तर पर हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेंगे.

"5 करोड़ से अधिक मुसलमान ने संयुक्त संसदीय समिति को अपनी राय भेज कर इस विधेयक का विरोध किया है. इसलिए धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों पर संविधान के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए इस विधायक को तुरंत वापस ले लेना चाहिए."- मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव

सेंट्रल वक्फ काउंसिल का काम रुकाः मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी ने कहा कि पिछले दो वर्षों से सेंट्रल वक्फ काउंसिल का काम रुका हुआ है, जिसके कारण वक्फ से संबंधित कोई भी काम पूरा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि वक्फ काउंसिल का जल्द से जल्द गठन किया जाए. केंद्र सरकार से मांग की गई कि वक्फ की जमीनों पर कब्जे को समाप्त करने के लिए कानून बनाया जाए. जिस तरह सरकारी जमीन खाली कराई जाती है उसी प्रावधानों के तहत वक्फ की जमीनों को खाली कराने का अधिकार मिलना चाहिए.

मस्जिदों को तोड़ना गलतः आज की बैठक में सरकार से मांग की गई कि ऐसी मस्जिद जो सरकारी कामों के विस्तार के दायरे में है, उन्हें तोड़कर या अन्य इमारतें नहीं बननी चाहिए. क्योंकि जो मस्जिद बनाई जाती है वह इन कार्यों के लिए कयामत के दिन तक मस्जिद ही रहती है. सरकार को योजना में बदलाव करना चाहिए. बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि वक्फ की जमीन को उन लोगों से खाली कराने के लिए हर संभव प्रयास करें जिन्होंने उस पर कब्जा कर रखा है.

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पटना में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक (ETV Bharat)

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मौलिक अधिकार के खिलाफः ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी की अध्यक्षता में इस बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड एवं वक्फ बोर्ड से जुड़े लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार, वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करके अल्पसंख्यक की जमीन और संपत्ति को जब्त करना चाहती है. केंद्र सरकार का उद्देश्य मुसलमान को वक्फ के लाभ और मुनाफे से वंचित करना है, जो भारत के संविधान में दी गई धार्मिक और मौलिक अधिकारों के खिलाफ है.

विधेयक को वापस ले सरकारः बैठक में केंद्र सरकार से मांग की गई कि इस संशोधन विधेयक को तुरंत वापस लिया जाए. क्योंकि यह विधेयक वक्फ की सुरक्षा के लिए नहीं है बल्कि वक्फ की संपत्ति को अन्य प्रयोजनों के लिए उपयोग करने का मार्ग प्रशस्त करना है. मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी ने कहा कि यह हमारे धर्म में हस्तक्षेप है और हम किसी भी स्तर पर हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेंगे.

"5 करोड़ से अधिक मुसलमान ने संयुक्त संसदीय समिति को अपनी राय भेज कर इस विधेयक का विरोध किया है. इसलिए धार्मिक स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों पर संविधान के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए इस विधायक को तुरंत वापस ले लेना चाहिए."- मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सचिव

सेंट्रल वक्फ काउंसिल का काम रुकाः मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी ने कहा कि पिछले दो वर्षों से सेंट्रल वक्फ काउंसिल का काम रुका हुआ है, जिसके कारण वक्फ से संबंधित कोई भी काम पूरा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की कि वक्फ काउंसिल का जल्द से जल्द गठन किया जाए. केंद्र सरकार से मांग की गई कि वक्फ की जमीनों पर कब्जे को समाप्त करने के लिए कानून बनाया जाए. जिस तरह सरकारी जमीन खाली कराई जाती है उसी प्रावधानों के तहत वक्फ की जमीनों को खाली कराने का अधिकार मिलना चाहिए.

मस्जिदों को तोड़ना गलतः आज की बैठक में सरकार से मांग की गई कि ऐसी मस्जिद जो सरकारी कामों के विस्तार के दायरे में है, उन्हें तोड़कर या अन्य इमारतें नहीं बननी चाहिए. क्योंकि जो मस्जिद बनाई जाती है वह इन कार्यों के लिए कयामत के दिन तक मस्जिद ही रहती है. सरकार को योजना में बदलाव करना चाहिए. बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि वक्फ की जमीन को उन लोगों से खाली कराने के लिए हर संभव प्रयास करें जिन्होंने उस पर कब्जा कर रखा है.

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