जोधपुर. सूरसागर की घटना को लेकर पुलिस की ओर से की गई गिरफ्तारियों के खिलाफ मुस्लिम समाज का एक प्रतिनिधिमंडल शनिवार को पुलिस कमिश्नर से मिला और मामले की निष्पक्ष जांच करने और गिरफ्तार बेकसूर लोगों को छोड़ने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने इस घटना को लेकर सूरसागर थाना पुलिस को जिम्मेदार बताया और थानाधिकारी पर मामले को समुचित तरीके से नहीं निपटाने का आरोप लगाया. साथ ही इस घटना को प्रदेश सरकार की विफलता बताया.
सूरसागर विधानसभा से कांग्रेस के प्रत्याशी रहे इंजीनियर शहजाद खान की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल ने पुलिस कमिश्नर राजेंद्र सिंह से मुलाकात की और अपना ज्ञापन सौंपा. इसमें आरोप लगाया गया कि पुलिस ने रात को आनन फानन में बड़ी संख्या में घरों से कई लोगों को पकड़ा है. इसमें ऐसे लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया, जिनकी घटना में कोई भूमिका नहीं थी. खान ने कहा कि जोधपुर शहर अपणायत का शहर है. इस परम्परा को बिगड़ने नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि कमिश्नर ने हमें आश्वस्त किया कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी, हमने भी यही बात उनसे कही है. साथ ही यह मांग भी की है कि बेकसूर लोगों को छोड़ा जाए.
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यह घटना सरकार की विफलता: कांग्रेस नेता शहजाद ने कहा कि यह घटना राज्य सरकार की विफलता है. यहां माहौल खराब होने को लेकर दो दिन पहले ही चेतावनी दी गई थी, लेकिन थानाधिकारी ने समुचित कार्रवाई नहीं की. इसी तरह से कलेक्ट्रेट पर भी बड़ी संख्या में मुस्लिम महिलाएं और पुरुष एकत्र हुए. यहां रात को पकड़े गए लोगों को पुलिस न्यायालय में पेश करेगी. परिजन उनसे मिलने की आस में यहां आए.
दो बच्चों के विवाद ने पकड़ा था तूल: उल्लेखनीय है कि गुरुवार को सूरसागर के व्यापारियों के मोहल्ले में दो बच्चों के विवाद ने तूल पकड़ लिया था. इसके चलते थाने पर प्रदर्शन हुआ. अगले दिन शुक्रवार को ईदगाह का एक और दरवाजा निकालने की बात को लेकर विवाद हो गया, जो बवाल में तब्दील हो गया. पुलिस ने दोनों पक्षों का समझौता भी करवा दिया था, लेकिन रात को इलाके में पथराव हो गया. इसने तनाव बढ़ा दिया. इस मामले में पुलिस ने 43 लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया है.