आजमगढ़ : बरदह थाना क्षेत्र के सोनहरा गांव के पूर्व प्रधान की गुरुवार की शाम बाइक सवार दो बदमाशों ने गोली मारकर लहूलुहान कर दिया और फरार हो गए. पूर्व प्रधान की कनपटी, सीने, पीठ व पेट में कुल 6 गोलियां लगी थीं. घटना की जानकारी होते ही परिजन व बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए. आनन-फानन घायल पूर्व प्रधान को पीएचसी मार्टीनगंज पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. घटना के समय पूर्व प्रधान मार्टीनगंज ब्लॉक से घर लौट रहे थे. सूचना पर एएसपी सिटी, सहायक पुलिस अधीक्षक शुभम अग्रवाल भी मौके पर पहुंचे.
सोनहरा गांव के पूर्व प्रधान रणविजय यादव उर्फ रन्नू यादव (60) आज किसी काम से मार्टीनगंज ब्लाॅक कार्यालय गए थे. शाम लगभग साढ़े पांच बजे वह अपनी बुलेट से घर लौट रहे थे. गांव के निकट बेसो नदी पुल के पास बुलेट रोकी तो बाइक से पहुंचे दो बदमाशों ने उन पर ताबड़तोड़ छह राउंड फायर झोंक दिया और मौके से मार्टीनगंज की तरफ भाग गए. गोलियों की तड़तड़ाहट की आवाज सुनकर आसपास के लोग जुट गए. सूचना पर परिजन व ग्रामीण भी पहुंच गए.
गोलियां लगने से लहूलुहान पूर्व प्रधान को आनन-फानन पीएचसी मार्टीनगंज ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया. पूर्व प्रधान के मौत की पुष्टि होते ही परिजन व ग्रामीण आक्रोशित हो उठे और पीएचसी पर ही हंगामा शुरू कर दिया. इस दौरान एएसपी सिटी शैलेंद्र लाल, सहायक पुलिस अधीक्षक शुभम अग्रवाल मौके पर पहुंचे और आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों को किसी तरह समझा-बुझा कर शांत कराया.
एसपी अनुराग आर्य ने बताया कि बरदह थाना क्षेत्र के अंतर्गत सैदपुर सुनहरा गांव के पूर्व प्रधान रणविजय यादव उर्फ रन्नू की ईट भट्ठे के पास अज्ञात लोगों द्वारा गोली मार हत्या कर दी गई. परिजनों ने वर्ष 2021 में एक घटना के बारे में जानकारी साझा की. इसमें गांव के ही अनिल यादव की हत्या हुई थी. इसमें रन्नू जेल गए थे. उसी घटना को लेकर परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है. इसके बारे में विस्तृत जानकारी की जा रही है. तीन व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. परिजनों द्वारा जो भी तहरीर दी जाएगी, उसी आधार पर FIR दर्ज की जाएगी. आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की भी कार्रवाई की जाएगी.
सोनहरा गांव के पूर्व प्रधान रणविजय यादव उर्फ रन्नू का मुम्बई में बड़ा कारोबार है. एक बार वे गांव लौटे और प्रधानी का चुनाव लड़ गए. इसके बाद से वे गांव में ही रहने लगे और गंवई राजनीति करने लगे. बीते प्रधानी के चुनाव में इनका विपक्षी से विवाद हो गया था. जिसमें जमकर मारपीट हुई थी और उस मामले में रन्रू यादव गिरफ्तार भी किए गए थे. विगत छह माह पूर्व ही जेल से छूट कर आए थे.