रांचीः झारखंड में शहर की सरकार अब विधानसभा चुनाव के बाद ही बन पाएगी. राज्य सरकार नगर निकाय चुनाव को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है. यही वजह है कि झारखंड हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद किसी ना किसी वजह से इसे अब तक लटका कर रखा गया.
सरकार का मानना है कि पिछड़ों को वाजिब हक देने के लिए ट्रिपल टेस्ट कराना आवश्यक है. इसके लिए आवश्यक कार्य किए जा रहे हैं. राज्य पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट मिलते ही नगर निकाय चुनाव कराया जाएगा. मगर हकीकत यह है कि जो राज्य निर्वाचन आयोग नगर निकाय चुनाव करायेगी उसमें निर्वाचन आयुक्त के ही पद कई महीनों से खाली हैं ऐसे में चुनाव वगैर निर्वाचन आयुक्त के संभव ही नहीं है. सरकार को सर्वप्रथम निर्वाचन आयुक्त के पद पर बहाल करना होगा.
बता दें कि राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर मुख्य सचिव रैंक के सेवानिवृत्त आइएएस को तीन वर्षों के लिए पदस्थापित किया जाता है. जिसको लेकर सरकार स्तर पर कई नामों की चर्चा है. डीके तिवारी फरवरी 2021 में मुख्य सचिव से सेवानिवृत्त होने के बाद आयोग का कामकाज संभाले थे. जिनका कार्यकाल इस साल फरवरी में समाप्त हो गया था.
झारखंड में सभी नगर निकाय क्षेत्र में होने हैं चुनाव
नगर निगम में 09 है, जिसमें रांची, हजारीबाग, मेदिनीनगर, धनबाद, गिरिडीह, देवघर, चास, आदित्यपुर और मानगो शामिल है. इसी प्रकार नगर परिषद की संख्या 21 है. जिसमें गढ़वा, विश्रामपुर, चाईबासा, झुमरी-तिलैया, चक्रधरपुर, चतरा, चिरकुंडा, दुमका, पाकुड़, गोड्डा, गुमला, जुगसलाई, कपाली, लोहरदगा, सिमडेगा, मधुपुर, रामगढ़, साहिबगंज, फुसरो और मिहिजाम शामिल है. इसी प्रकार नगर पंचायत की संख्या 19 है, जिसमें वंशीधर नगर, मझिआंव, हुसैनाबाद, हरिहरगंज, छतरपुर, लातेहार, कोडरमा, डोमचांच, बड़की सरैया, धनवार, महगामा, राजमहल, बरहरवा, बासुकीनाथ, जामताड़ा, बुंडू, खूंटी, सरायकेला और चाकुलिया शामिल है.
नगर निकाय चुनाव पर सियासत
झारखंड में 49 नगर निकाय क्षेत्र हैं, जिसमें 09 नगर निगम, 19 नगर पंचायत और 21 नगर परिषद हैं. इन सभी स्थानों में चुनाव कई वर्षों से लंबित है. इन नगर निकायों में कामकाज जनप्रतिनिधि के बजाय अधिकारियों के भरोसे चल रहा है. इधर नगर निकाय चुनाव को लेकर सियासत जारी है. झारखंड हाई कोर्ट का आदेश नहीं मानने का आरोप लगाते हुए विपक्ष जहां सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहा है. वहीं सत्ता पक्ष बचाव के मूड में है.
भाजपा नेता प्रदीप सिन्हा कहते हैं कि शहर की सरकार अब तक नहीं बनाने के पीछे की वजह विधानसभा चुनाव में जनता हेमंत सरकार से मांगेगी. वहीं झामुमो प्रवक्ता मनोज पांडे कहते हैं कि विधानसभा चुनाव के बाद नगर निकाय चुनाव भी कराया जाएगा. निर्वाचन आयुक्त के पद जल्द भरे जाएंगे पिछड़ों को वाजिब हक नगर निकायों में देने के उद्देश्य से सरकार ने ट्रिपल टेस्ट का सहारा लिया है. राज्य पिछड़ा आयोग के गठन के बाद इस दिशा में कदम बढ़ाया गया है.
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