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लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा देंगे पूरे बिहार के 8 हजार मुखिया, पटना में बैठक में लिया गया निर्णय

Bihar Mukhiya Union: पटना में बिहार मुखिया संघ की बैठक हुई. इसमें निर्णय लिया गया कि अगर सरकार उनकी मांग को नहीं मानती है तो लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा दे देंगे. पढ़ें पूरी खबर.

लोकसभा चुनाव से इस्तीफा देंगे पूरे बिहार के मुखिया
लोकसभा चुनाव से इस्तीफा देंगे पूरे बिहार के मुखिया
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 13, 2024, 8:32 PM IST

लोकसभा चुनाव से इस्तीफा देंगे पूरे बिहार के मुखिया

पटनाः गांव की सरकार यानि मुखिया नीतीश कुमार से काफी नाराज हैं. पिछले साल से ही कई मांगों को पूरी करने की मांग कर रहे हैं लेकिन अब तक सरकार से कोई बात नहीं बनी है. बुधवार को पटना में बिहार प्रदेश मुखिया संघ के तरफ से बैठक हुई. महा बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सरकार एक सप्ताह के अंदर हमारी मांगों को पूरी करें अन्यथा प्रदेश के 8 हजार से अधिक मुखिया एक साथ सामूहिक त्यागपत्र देंगे.

अधिकारों में कटौती का विरोधः बिहार प्रदेश मुखिया संघ अध्यक्ष मिथलेश कुमार राय ने कहा कि हमारी लड़ाई राज्य और केंद्र सरकार से है. सरकार अगर हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो लोकसभा चुनाव में बिहार के मुखिया अपने वोट का चोट दिखाकर सरकार को यह बताने का काम करेंगे कि हम भी जनता के प्रतिनिधि हैं. मिथलेश राय ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ग्राम पंचायत के अधिकारों में कटौती कर रही है.

"हमारी रणनीति है कि सरकर लोकसभा चुनाव से पहले हमलोगों की मांग को सुनने का काम करे. अग सरकार हमारी मांग को नहीं मानती है तो उन्हें बड़े स्तर पर विरोध झेलना पड़ेगा. चुनाव से पहले हमलोग बड़े पैमाने पर पूरे प्रदेश से इस्तीफा दे देंगे." -मिथलेश कुमार राय, अध्यक्ष, बिहार प्रदेश मुखिया संघ

जनता का काम कैसे करें? जिला पार्षद संघ अध्यक्ष विश्वजीत दीपांकर ने कहा कि सरकार त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों से भेदभाव करती है. सरकार अगर हम लोगों के अधिकार को नहीं दे सकती है तो हम लोगों का चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं बनता है. जिला परिषद, मुखिया, सचिव सभी से जनता को भरोसा होता है. जब अधिकार ही नहीं मिलेगा तो फिर हम जनता के कामों को कैसे कर पाएंगे.

"हम लोग एक साथ सामूहिक रूप से बिहार के तमाम जिला परिषद, प्रमुख और मुखिया एक साथ त्यागपत्र देने का काम करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा कहते रहते हैं कि त्रिस्तरीय पंचायत को हम ताकतवर बनना चाहते हैं. हम गांधी के सपनों का भारत बनाना चाहते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के कथनी और करनी में काफी फर्क है." -विश्वजीत दीपांकर, अध्यक्ष, जिला पार्षद संघ

'हमलोगों को कोई अधिकार नहीं': प्रमुख संघ प्रदेश अध्यक्ष बिहार रश्मि कुमारी ने कहा कि नीतीश कुमार महिला की बात करते हैं. त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ भेदभाव करके नीतीश कुमार क्या साबित करना चाहते हैं. सरकार बार-बार बदलती है लेकिन मुख्यमंत्री के सीट पर हमेशा नीतीश कुमार बैठ जाते हैं. जनता के चुने जनप्रतिनिधि हमलोग भी हैं पर हमलोगों का कोई अधिकार नहीं है.

"सरकार द्वारा पंचायती राज के अधिकारों में की जा रही कटौती के विरुद्ध त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि व ग्राम कचहरियों के प्रतिनिधियों कि महाबैठक की गई है. इस महाबैठक में यही निर्णय हुआ है कि आगामी चुनाव में सरकार को यह दिखाने का काम करेंगे कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों में कितनी ताकत है." -रश्मि कुमारी, अध्यक्ष, बिहार प्रदेश प्रमुख संघ

यह भी पढ़ेंः दरभंगा की मुखिया के पास भारत के अलावा नेपाल की नागरिकता! चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान

लोकसभा चुनाव से इस्तीफा देंगे पूरे बिहार के मुखिया

पटनाः गांव की सरकार यानि मुखिया नीतीश कुमार से काफी नाराज हैं. पिछले साल से ही कई मांगों को पूरी करने की मांग कर रहे हैं लेकिन अब तक सरकार से कोई बात नहीं बनी है. बुधवार को पटना में बिहार प्रदेश मुखिया संघ के तरफ से बैठक हुई. महा बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सरकार एक सप्ताह के अंदर हमारी मांगों को पूरी करें अन्यथा प्रदेश के 8 हजार से अधिक मुखिया एक साथ सामूहिक त्यागपत्र देंगे.

अधिकारों में कटौती का विरोधः बिहार प्रदेश मुखिया संघ अध्यक्ष मिथलेश कुमार राय ने कहा कि हमारी लड़ाई राज्य और केंद्र सरकार से है. सरकार अगर हमारी मांगे पूरी नहीं करती है तो लोकसभा चुनाव में बिहार के मुखिया अपने वोट का चोट दिखाकर सरकार को यह बताने का काम करेंगे कि हम भी जनता के प्रतिनिधि हैं. मिथलेश राय ने सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ग्राम पंचायत के अधिकारों में कटौती कर रही है.

"हमारी रणनीति है कि सरकर लोकसभा चुनाव से पहले हमलोगों की मांग को सुनने का काम करे. अग सरकार हमारी मांग को नहीं मानती है तो उन्हें बड़े स्तर पर विरोध झेलना पड़ेगा. चुनाव से पहले हमलोग बड़े पैमाने पर पूरे प्रदेश से इस्तीफा दे देंगे." -मिथलेश कुमार राय, अध्यक्ष, बिहार प्रदेश मुखिया संघ

जनता का काम कैसे करें? जिला पार्षद संघ अध्यक्ष विश्वजीत दीपांकर ने कहा कि सरकार त्रिस्तरीय पंचायत के प्रतिनिधियों से भेदभाव करती है. सरकार अगर हम लोगों के अधिकार को नहीं दे सकती है तो हम लोगों का चुनाव लड़ने का कोई मतलब नहीं बनता है. जिला परिषद, मुखिया, सचिव सभी से जनता को भरोसा होता है. जब अधिकार ही नहीं मिलेगा तो फिर हम जनता के कामों को कैसे कर पाएंगे.

"हम लोग एक साथ सामूहिक रूप से बिहार के तमाम जिला परिषद, प्रमुख और मुखिया एक साथ त्यागपत्र देने का काम करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा कहते रहते हैं कि त्रिस्तरीय पंचायत को हम ताकतवर बनना चाहते हैं. हम गांधी के सपनों का भारत बनाना चाहते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के कथनी और करनी में काफी फर्क है." -विश्वजीत दीपांकर, अध्यक्ष, जिला पार्षद संघ

'हमलोगों को कोई अधिकार नहीं': प्रमुख संघ प्रदेश अध्यक्ष बिहार रश्मि कुमारी ने कहा कि नीतीश कुमार महिला की बात करते हैं. त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के साथ भेदभाव करके नीतीश कुमार क्या साबित करना चाहते हैं. सरकार बार-बार बदलती है लेकिन मुख्यमंत्री के सीट पर हमेशा नीतीश कुमार बैठ जाते हैं. जनता के चुने जनप्रतिनिधि हमलोग भी हैं पर हमलोगों का कोई अधिकार नहीं है.

"सरकार द्वारा पंचायती राज के अधिकारों में की जा रही कटौती के विरुद्ध त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि व ग्राम कचहरियों के प्रतिनिधियों कि महाबैठक की गई है. इस महाबैठक में यही निर्णय हुआ है कि आगामी चुनाव में सरकार को यह दिखाने का काम करेंगे कि त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों में कितनी ताकत है." -रश्मि कुमारी, अध्यक्ष, बिहार प्रदेश प्रमुख संघ

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