मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : आज हम आपको ऐसी सड़क के बारे में बताने जा रहे हैं कि जहां पर यदि आपकी जान चली जाए तो उसकी जिम्मेदारी किसी की नहीं होगी. सड़क पर रोजाना सैंकड़ों वाहन गुजरते हैं.लेकिन इस सड़क पर दुर्दशा पर तभी कोई आंसू बहाएगा जब लोगों की जानें चली जाएंगी.इस सड़क पर एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई की कहावत भी सही होती है. क्योंकि कीचड़ से लबरेज इस सड़क पर लोग चलते कैसे हैं उन्हें खुद नहीं पता.हां उन्हें इतना पता है कि इस सड़क को पार करने के बाद वो एक बार भगवान से प्रार्थना जरुर करते हैं कि जान बच गई.
कहां है ये अजूबा सड़क : लोगों की जान लेने का इंतजार करने वाली ये सड़क चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र में हैं. जहां ये सड़क है वहां ओपन कास्ट माइंस है.इसलिए सड़क पर भारी वाहनों का आना जाना लगा रहता है. साथ ही साथ स्कूली वाहन और दोपहिया वाहनों की कतार भी सड़क पर लगती है.लेकिन बारिश के दिनों में ये सड़क कीचड़ का ढेर में बदलती है.जहां गाड़ियां फिसलती हैं. छोटे वाहन चालकों के लिए तो ये सड़क मौत के कुएं के सामान है.जहां से हर बार बच के निकलना एक कला है.
''सड़क पर चलने में काफी परेशानी होती है.बारिश के दिनों में गाड़ी स्लिप करती है.जिससे कभी भी हादसा हो सकता है.''-राहगीर
वाहन चालकों से छूटते हैं पसीने : सड़क पर चलने वाले वाहन चालक जो रोजाना इस सड़क पर चलते हैं उनका कहना है कि कीचड़ में गाड़ी ले जाने और लाने में समस्या होती है.बच्चों गाड़ी में बैठे रहते हैं ऐसे में कई जान पर खतरा मंडरा रहा है.
''सड़क में कीचड़ और गड्ढा है.जिसमें गाड़ी स्लिप करती है. जिस रोड पर बस चलती है उसके एक तरफ पांच सौ फीट की गहरी खाई है.जिसके कारण कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है.''- सत्यप्रकाश दुबे,वाहन चालक
आपको बता दें कि बरतुंगा एरिया में निगम के 40 वार्डों में से दो वार्ड है. साथ ही चिरमिरी का बड़ा स्कूल भी इसी क्षेत्र में है.फिर भी इस क्षेत्र को सड़क नसीब नहीं हो सकी है. गर्मी और ठंड में जैसे तैसे काम चलता है.लेकिन बारिश के दिनों में ये सड़क जानलेवा बन जाती है.दोपहिया और छोटे वाहन सड़क की चिकनी मिट्टी के कारण कभी भी फिसल जाते हैं. जिससे हादसे होते हैं.वहीं बारिश में भारी वाहन भी अपनी जगह से स्लिप कर जाते हैं.
''कोल उत्खनन के कारण दो वार्ड निगम के प्रभावित हो रही है. एसईसीएल के कोयला निकालने के कारण पक्की सड़क नहीं बन पाई है.'' के डमरू रेड्डी, पूर्व महापौर
वहीं इस बारे में महापौर कंचन जायसवाल का कहना है कि सीएसआर मद से ऐसी जगहों की सड़क का निर्माण होना चाहिए.लेकिन वो पैसा कहां खर्च होता है ये कोई नहीं जानता.
''सीएसआर मद का उपयोग वहीं होता है जहां पर उत्खनन किया जाता है.उन जगहों पर सीएसआर मद से मूलभूत सुविधाएं जुटाई जाती है.लेकिन चिरमिरी क्षेत्र में कहां सीएसआर मद का इस्तेमाल हुआ है,आप खुद बता दीजिए.''- कंचन जायसवाल, महापौर
यदि आप चिरमिरी निगम क्षेत्र में आना जाना करते हैं और बरतुंगा कॉलरी के इस महान सड़क का इस्तेमाल कर रहे हैं तो अपना और अपनी गाड़ी का इंश्योरेंस जरुर करवा लें.क्योंकि कब कहां और कैसे हादसा हो जाए ये कोई नहीं जानता.भले ही इस सड़क को बनाने की गारंटी कोई ना ले.लेकिन इंश्योरेंस कंपनी से मिलने वाले पैसों से आपकी गाड़ी और हड्डी दोनों जुड़ जाएगी.