रतलाम: रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाए जाने को लेकर मध्य प्रदेश के किसानों को केंद्र सरकार और खासकर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान से खासी उम्मीदें हैं. वर्तमान में शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय कृषि मंत्री हैं. ऐसे में रबी सीजन की फसलों की एमएसपी को लेकर किसानों को खासी उम्मीदें हैं. गेहूं, सरसों, मसूर और चना को लेकर किसान अभी से सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं.
खरीफ जैसा हाल न हो
किसान नेता सतपाल चौधरी कहते हैं, '' खरीफ के सीजन में सोयाबीन की हालत सरकार से छिपी नहीं है. सरकार को रबी सीजन की फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाना चाहिए. खासकर गेहूं का समर्थन मूल्य 2275 रुपए से बढ़ाकर ₹3000 प्रति क्विंटल होना चाहिए. वहीं, सरसों, मसूर और चना का भी न्यूनतम मूल्य खेती में आने वाली लागत के अनुसार तय होना चाहिए.''
शिवराज समझेंगे किसानों की पीड़ा
किसान नेता पवन जाट का इस मामले में कहना है, ''केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हैं और वह किसानों की पीड़ा को बखूबी समझते हैं. गेहूं, चना, सरसों और मसूर की एमएसपी पर वह किसानों के हित में फैसला ले सकते हैं और रबी की फसलों की बढ़ती हुई लागत को देखते हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाया जाना चाहिए.''
7 प्रतिशत तक बढ़ाई जा सकती है गेहूं की MSP
आमतौर पर लाखों किसानों के लिए गेंहू मुख्य फसलों में से एक फसल है. 2024-25 के एमएसपी आंकड़ों के मुताबिक, गेहूं की फसल में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली थी. इसके बाद गेहूं की कीमत 2125 रुपए से बढ़कर 2275 रुपए प्रति क्विंटल हो गई थी. इसी प्रकार की बढ़ोतरी वर्ष 2025-26 में देखी जा सकती है. इसके पीछे की वजह ये है कि सरकार घरेलू खपत और भंडारण के लिए गेहूं की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए काम कर रही है. यदि सरकार ने पिछले साल की तरह इस वर्ष भी गेहूं के एमएसपी में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की तो किसान गेहूं को 2434 रुपए प्रति क्विंटल पर बेंच पाएंगे.
जानिए कितनी बढ़ाई जाएगी मसूर की एमएसपी
इसी तरह बीते वर्ष मसूर की एमएसपी में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जिसके बाद मसूर 6000 रुपए से बढ़कर 6425 रुपए प्रति क्विंटल पर थी. अब इस सत्र में भी मसूर की MSP में वृद्धि होने उम्मीद है. जानकारों का कहना है कि मसूर के एमएसपी में करीब 2 से 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है. क्योंकि पिछले साल की घोषित एमएसपी उत्पादन लागत पर मार्जिन की तुलना में उच्च स्तर पर है. आगामी रबी विपणन सत्र में मसूर का एमएसपी 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 6553 रुपए प्रति क्विंटल तक जा सकता है.
चने की एमएसपी पर रहेगी नजरें
किसानों की मुख्य फसलों में से एक चना भी शामिल है. बीते वर्ष चना की एमएसपी में केवल 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी और एमएसपी 5335 रुपए से बढ़कर 5440 रुपए प्रति क्विंटल तक चना पहुंच गया था. हालांकि, ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि इस वर्ष चने की फसल को मजबूत प्रोत्साहन मिल सकता है. ताकि किसानों की रुचि चने की फसल पर बनाए रखी जा सके और देश की पोषण संबंधी मांगों को पूरा किया जा सके.
सरसों फसल की एमएसपी
किसानों की मुख्य फसलों में शामिल सरसों देश के खाद्य तेल के उत्पादन में अहम भूमिका देता है. सरसों फसल के एमएसपी की बात करें तो पिछले सत्र में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी, जिसके बाद सरसों की कीमतें 5450 रुपए से बढ़कर 5650 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गई थी. खाद्य तेल के इंपोर्ट को कम करने और तिलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार 2025-26 सत्र में भी 4 प्रतिशत या उससे ज्यादा बढ़ोतरी की आशा है.
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कब होगी रबी फसलों की एमएसपी की घोषणा?
सरकार कुछ ही हफ्तों में रबी विपणन सत्र 2025-26 के लिए नए एमएसपी की अंतिम घोषणा करेगी. किसान और उद्योग विशेषज्ञ सरकार के इस फैसले पर करीब से नजर रख रहे हैं, क्योंकि नए MSP दरें आगामी रबी सत्र के लिए खेती संबंधी निर्णयों को सीधे-सीधे प्रभावित करेंगी.