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नोट कर लें शहरों के नाम, यहां पड़ेगी थरथराती ठंड, ला नीना के कहर से बचना मुश्किल

बस एक हफ्ते का और इंतजार, पहले गुलाबी ठंड और दीवाली आते-आते कड़ाके की ठंड पड़ने लगेगी. मध्य प्रदेश में ला नीना अपना असर दिखाने वाला है.

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 3 hours ago

Updated : 1 hours ago

MP WEATHER UPDATE WINTER SEASON
मध्य प्रदेश में ठंड की शरुआत (ETV Bharat)

भोपाल: मध्य प्रदेश से मानसून विदा होने वाला है. प्रदेश के 35 जिलों से बारिश की विदाई पहले ही हो चुकी है. आखिरी दौर में मध्यप्रदेश के 21 जिलों को मानसून तरबतर कर सकता है. वहीं 15 अक्टूबर के बाद मध्यप्रदेश से मानसून की पूरी तरह से विदाई हो जाएगी. हालांकि अभी तीन दिन तक नमी बनी रहेगी. 12 अक्टूबर तक जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में हल्की बारिश हो सकती है. इसके बाद प्रदेश का मौसम साफ रहेगा.

ग्वालियर-चंबल संभाग से शुरु होगी ठंड की दस्तक

15 अक्टूबर को मानसून की विदाई के बाद मौसम में बदलाव होगा. अगले 5 से 6 दिनों में गुलाबी ठंड पड़ना शुरु हो जाएगी. मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि 20 से 21 अक्टूबर तक मध्यप्रदेश में गुलाबी ठंड का आगमन होगा. उत्तर भारत से होते हुए सबसे पहले ठंड की दस्तक ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में होगी. इसके बाद करीब एक सप्ताह बाद यानि दीपावली से पहले पूरे प्रदेश में ठंड पड़ना शुरू हो जाएगी.

नवंबर से शुरू होगी कड़ाके की ठंड

मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि मानसून की विदाई के बाद हिमालय में बर्फबारी शुरू हो जाएगी. जिससे ठंडी हवाएं निचले मैदानों की ओर आगे बढ़ेंगी. उत्तर भारत होते हुए यह मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में प्रवेश करेगी. इसके बाद 31 अक्टूबर तक ठंड पूरे प्रदेश का अपने चपेट में ले लेगी. इसके बाद 1 नवंबर से धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगेगी. मौसम वैज्ञानिक डॉ वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि "ठंड कितनी पड़ेगी इसका आंकलन अगले एक सप्ताह बाद ही किया जा सकता है. इसलिए नवंबर महीने में ही पता चलेगी कि कितनी ठंड पड़ने वाली है."

ला नीना के कारण उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड

मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अक्टूबर के आखिरी और नवंबर के पहले सप्ताह से ला नीना के एक्टिव होने की संभावना अधिक है. यदि ऐसा हुआ तो इससे तापमान में गिरावट आएगी. सर्दियों में तेज बारिश हो सकती है. ला नीना के दौरान पूर्वी हवाएं समुद्र के पानी को पश्चिम की ओर धकेलती हैं. जिससे उत्तर भारत, उत्तर पश्चिमी भारत और इसके आसपास के क्षेत्रों के तापमान में तेजी से गिरावट होगी. जिससे कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है.

एमपी के 35 जिलों से मानसून की विदाई

मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों से मानसून ने विदाई ले ली है. रविवार शाम तक जिन जिलों से अब तक मानसून आगे बढ़ चुका है उनमें भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, आगर, शाजापुर, इंदौर, खरगोन, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, सागर, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर समेत 35 जिले शामिल हैं. हालांकि, इनमें से अधिकतर इलाकों में अब उमस महसूस की जा रही है. ऐसे में अब लोगों को ठंड शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है. दशहरे के बाद इन जिलों में गुलाबी ठंड की शुरुआत हो सकती है.

ये भी पढ़ें:

ला नीना मचाएगा बारिश से ज्यादा जाड़े का कहर, मध्य प्रदेश के इन इलाकों में शीतलहर से पड़ेगी हाड़ कंपा देने वाली ठंड

ला नीना इन शहरों और जिलों में बरपाएगा ठंड का कहर, धूप के लिए तरस जाएंगे इंसान से लेकर जानवर

ला नीना क्या है

ला नीना, प्रशांत महासागर में होने वाला एक मौसम पैटर्न है. ला नीना के दौरान, मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 0.5°C या ज़्यादा ठंडा रहता है. आम तौर पर, ला नीना घटनाएं हर 3 से 5 साल या उससे अधिक समय में होती हैं, लेकिन कभी-कभी लगातार कई वर्षों तक हो सकती हैं. ला नीना एल नीनो/दक्षिणी दोलन (ENSO) चक्र के ठंडे चरण का प्रतिनिधित्व करता है.

भोपाल: मध्य प्रदेश से मानसून विदा होने वाला है. प्रदेश के 35 जिलों से बारिश की विदाई पहले ही हो चुकी है. आखिरी दौर में मध्यप्रदेश के 21 जिलों को मानसून तरबतर कर सकता है. वहीं 15 अक्टूबर के बाद मध्यप्रदेश से मानसून की पूरी तरह से विदाई हो जाएगी. हालांकि अभी तीन दिन तक नमी बनी रहेगी. 12 अक्टूबर तक जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल संभाग के जिलों में हल्की बारिश हो सकती है. इसके बाद प्रदेश का मौसम साफ रहेगा.

ग्वालियर-चंबल संभाग से शुरु होगी ठंड की दस्तक

15 अक्टूबर को मानसून की विदाई के बाद मौसम में बदलाव होगा. अगले 5 से 6 दिनों में गुलाबी ठंड पड़ना शुरु हो जाएगी. मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि 20 से 21 अक्टूबर तक मध्यप्रदेश में गुलाबी ठंड का आगमन होगा. उत्तर भारत से होते हुए सबसे पहले ठंड की दस्तक ग्वालियर-चंबल संभाग के जिलों में होगी. इसके बाद करीब एक सप्ताह बाद यानि दीपावली से पहले पूरे प्रदेश में ठंड पड़ना शुरू हो जाएगी.

नवंबर से शुरू होगी कड़ाके की ठंड

मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि मानसून की विदाई के बाद हिमालय में बर्फबारी शुरू हो जाएगी. जिससे ठंडी हवाएं निचले मैदानों की ओर आगे बढ़ेंगी. उत्तर भारत होते हुए यह मध्यप्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग में प्रवेश करेगी. इसके बाद 31 अक्टूबर तक ठंड पूरे प्रदेश का अपने चपेट में ले लेगी. इसके बाद 1 नवंबर से धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगेगी. मौसम वैज्ञानिक डॉ वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि "ठंड कितनी पड़ेगी इसका आंकलन अगले एक सप्ताह बाद ही किया जा सकता है. इसलिए नवंबर महीने में ही पता चलेगी कि कितनी ठंड पड़ने वाली है."

ला नीना के कारण उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड

मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अक्टूबर के आखिरी और नवंबर के पहले सप्ताह से ला नीना के एक्टिव होने की संभावना अधिक है. यदि ऐसा हुआ तो इससे तापमान में गिरावट आएगी. सर्दियों में तेज बारिश हो सकती है. ला नीना के दौरान पूर्वी हवाएं समुद्र के पानी को पश्चिम की ओर धकेलती हैं. जिससे उत्तर भारत, उत्तर पश्चिमी भारत और इसके आसपास के क्षेत्रों के तापमान में तेजी से गिरावट होगी. जिससे कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है.

एमपी के 35 जिलों से मानसून की विदाई

मध्य प्रदेश के अधिकतर जिलों से मानसून ने विदाई ले ली है. रविवार शाम तक जिन जिलों से अब तक मानसून आगे बढ़ चुका है उनमें भोपाल, सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, नीमच, मंदसौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, आगर, शाजापुर, इंदौर, खरगोन, खंडवा, हरदा, नर्मदापुरम, सागर, दमोह, निवाड़ी, टीकमगढ़, छतरपुर समेत 35 जिले शामिल हैं. हालांकि, इनमें से अधिकतर इलाकों में अब उमस महसूस की जा रही है. ऐसे में अब लोगों को ठंड शुरू होने का बेसब्री से इंतजार है. दशहरे के बाद इन जिलों में गुलाबी ठंड की शुरुआत हो सकती है.

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ला नीना क्या है

ला नीना, प्रशांत महासागर में होने वाला एक मौसम पैटर्न है. ला नीना के दौरान, मध्य और पूर्वी भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 0.5°C या ज़्यादा ठंडा रहता है. आम तौर पर, ला नीना घटनाएं हर 3 से 5 साल या उससे अधिक समय में होती हैं, लेकिन कभी-कभी लगातार कई वर्षों तक हो सकती हैं. ला नीना एल नीनो/दक्षिणी दोलन (ENSO) चक्र के ठंडे चरण का प्रतिनिधित्व करता है.

Last Updated : 1 hours ago
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