भोपाल. मध्यप्रदेश के मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा है, कभी तेज गर्मी तो कभी आंधी-बारिश. इसी बीच मौसम विभाग ने एमपी के लिए एक और अलर्ट जारी किया है. आगामी पांच दिनों तक प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. इस दौरान बारिश के साथ आंधी-तूफान और कहीं-कहीं ओले गिरने की चेतावनी भी दी गई है. यही नहीं कई इलाकों में धूल भरी आंधी से जनजीवन पर बुरा असर भी पड़ सकता है. इसके अलावा उंचे इलाकों में ओलावृष्टि की भी चेतावनी है. लोगों को कहा गया है कि खेती बाड़ी में भी सावधानी बरते हालांकि इस मौसम में अधिकांश जमीन परती है मगर सब्जियों की फसल को नुकसान की आशंका है.
14 मई तक ऐसा रहेगा मौसम
मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि गुरुवार को डिंडोरी और फिर शुक्रवार को सीधी में पांच सेंटीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गई है. ऐसा पहली बार है, जब मई के महीने में इतनी बारिश हो रही है. भोपाल के सीनियर वैज्ञानिक वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि तीन पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय है. साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम और हवा का रुख भी बदला हुआ है. इस कारण एमपी में भारी वर्षा का दौर जारी है. मध्यप्रदेश के अधिकतर हिस्सों में 10 से 14 मई तक आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश की संभावना जताई जा रही है. राजधानी भोपाल सहित अन्य हिस्सों में इस दौरान ओलावृष्टि भी हो सकती है.
अगले 24 घंटे में यहां होगी बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक सागर, मैहर, मऊगंज, मुरैना, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, पांढुर्ना, पन्ना, रायसेन,राजगढ़, रतलाम, रीवा, मंडला, सतना, सीहोर, सिवनी, शहडोल, शिवपुरी, सीधी, सिंगरौली, उज्जैन, उमरिया, विदिशा, कटनी, भोपाल, बुरहानपुर, भिंड, छिंदवाड़ा, दमोह, दतिया, देवास, धार, डिंडोरी, बैतूल, हरदा, इंदौर, जबलपुर, बालाघाट और अनुपपुर में अगले 24 घंटे में आंधी-तूफान के साथ तेज बारिश हो सकती है.
11 से 13 मई के पूरे मध्यप्रदेश में बारिश का अलर्ट
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार अब तक मई में मध्यम वर्षा ही दर्ज की जाती रही है. लेकिन ऐसा पहली बार है, जब पूरे एमपी में तेज बारिश की संभावना जताई जा रही है. ताजा आंकड़ों के अनुसार 11 से 13 मई तक पूरे मध्यप्रदेश में आंधी-तूफान और ओलावृष्टि के साथ बारिश का पूर्वानुमान है. इसी तरह 31 मई तक मौसम बना रह सकता है. यानी ज्यादातर इलाकों में गर्मी से राहत मिल सकती है.
इसलिए बार-बार बदल रहा मौसम
मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वर्तमान में उत्तरी हरियाणा पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है. उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात है. इस चक्रवात से लेकर एक द्रोणिका गुजरात होते हुए कर्नाटक तक बनी हुई है. वहीं, इसी चक्रवात से लेकर दूसरी द्रोणिका उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड होते हुए असम तक बनी हुई है. उत्तर-पूर्वी अरब सागर पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है. हवाओं के साथ अरब सागर से नमी आने लगी है. इसी वजह से पूरे प्रदेश में आंशिक बादल बने हुए हैं. इसके चलते पूरे प्रदेश में अधिकतम तापमान में कुछ कमी आने लगी है और बारिश हो रही है.