भोपाल. सोमवार को मध्यप्रदेश के कई जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश व ओलावृष्टि हुई. इस साल की शुरुआत से ही कई बार बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया. वहीं बालाघाट के कुछ गांवों में ऐसी ओलावृष्टि हुई कि जमीन पर कई इंच मोटी बर्फ की चादर सी नजर आने लगी. इस बारिश जहां लोगों को तेज गर्मी से राहत मिली तो वहीं किसानों की काट कर रख गई फसलों और सब्जियों की खेती को जमकर नुकसान हुआ है.
कई जगह गिरे पेड़ और बिजली के पोल
बालाघाट में देर शाम को मौसम ने अपना रौद्र रूप दिखाया. यहां ओलावृष्टि के साथ तेज आंधी से सड़कों पर कई जगह पेड़ और बिजली के पोल गिर गए. अप्रैल की चिलचिलाती धूप से इस बिन मौसम बरसात ने भले ही राहत दी हो आंधी तूफान और ओलावृष्टि ने एक बार फिर आम जनजीवन को प्रभावित किया है. परसवाड़ा क्षेत्र के सरेखा ग्राम में सोमवार शाम 5 बजे से जोरदार ओलावृष्टि हुई, ये इतनी तेज थी कि कई इलाकों में छोटी गेंद के आकार वाले ओलों का ढेर लग गया, सड़कों पर कश्मीर की तरह बर्फ की चादर नजर सी नजर आने लगी.
रायसेन में हजारों क्विंटल गेंहू भीगा, खराब होने की आशंका
सोमवार शाम को ही रायसेन में गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ीं, जिससे खेत खलियानों, कृषि उपज मंडी और उपार्जन केंद्रों में खुले में रखा हुआ गेहूं पूरी तरह से भीग गया, जिससे अब इसके खराब होने की आशंका है. बताया जा रहा है कि वेयरहाउस व उपार्जन केंद्रों में हजारों क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा था. किसानों ने वेयरहाउस मालिकों व समिति प्रबंधकों पर आरोप लगाए कि उनकी मनमर्जी के चलते किसानों का हजारों क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा रहा और अब बारिश व ओलावृष्टि से खराब होने की कगार पर है.
किसानों को दाम घटने का डर
रायसेन जिले के किसानों को बेमौसम हुई बारिश के चलते गेहूं की फसल के दाम घटने की चिंता सता रही है. फिलहाल रायसेन कृषि उपज मंडी में गेहूं के दाम समर्थन मूल्य से लगभग डेढ़ सौ रुपए ज्यादा चल रहे हैं पर सोमवार को हुई बारिश के कारण दाम घटने की आशंका बढ़ गई है.
इन जिलों में हुई बारिश व ओलावृष्टि
गौरतलब है कि सोमवार को मध्यप्रदेश के अधिकांश जिलों में तेज आंधी के साथ बारिश हुई. जबलपुर, सागर, नर्मदापुरम, भोपाल, रायसेन, सीहोर, विदिशा व सिंगरौली सहित कई जिलों में हल्की व तेज बारिश हुई, तो वहीं सागर के केसली, गौरझामर, देवरी और नर्मदापुरम के बनखेड़ी में ओले गिरे.
कुछ दिनों तक ऐसा ही रहेगा मौसम
मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती हवाओं में और ज्यादा सक्रियता आने लगी है, इसके अलावा उत्तर भारत में एक वेस्टर्न डिस्टरबेंस एक्टिव है, जिसके चलते प्रदेश में एक बार फिर मौसम का मिजाज बदला है, मौसम विभाग का कहना है कि 10 अप्रैल तक मौसम इसी तरह का बना रहेगा. मौसम विभाग ने रविवार को जारी फोरकास्ट में कहा था कि 10 अप्रैल को एक ज्यादा स्ट्रॉन्ग सिस्टम प्रदेश में देखने को मिल सकता है. इसके दो दिन बाद एक और नया सिस्टम एक्टिव होगा. यही वजह है अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश व आंधी के चलते दिन के अधिकतम तापमान में कमी देखी जाएगी.