पटना : बिहार के आरा से सांसद सुदामा प्रसाद ने रेलवे की कलई खोल कर रख दी है. लोकसभा में चर्चा के दौरान माले सांसद ने टिकट की कालाबाजारी से लेकर निजीकरण के मुद्दे को जोरशोर से उठाया. साथ ही सरकार से कहा कि रेलवे को आम जनता की लाइफ लाइन बनाइए ना कि अमीरों की.
रेल टिकट में दलालों का बोलबाला : सुदामा प्रसाद ने कहा कि दलालों के जरिए ट्रेनों में टिकट मिलता है. उन्होंने कहा कि लोग जब टिकट देखते हैं तो तीन-तीन महीने का टिकट वेटिंग में रहता है. हालांकि जब आप दलाल से संपर्क करते हैं तो वह शाम का टिकट आपके हाथों में दे देता है. यह कैसे हो रहा है, इसपर रोक लगाने की आवश्यक्ता है.
'रेल बजट अलग से जारी हो' : माले सांसद यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि ट्रेन की बोगियां खाली रहती हैं. आपको अगर सीट चाहिए तो 1000-500 रुपये खर्च कीजिए आपको सुविधा मिल जाएगी. यह कैसे हो रहा है? सुदामा प्रसाद ने रेल मंत्रालय से इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की मांग की. उन्होंने कहा कि रेल बजट को पहले की तरह अलग से जारी किया जाना चाहिए.
''पहले 12 डिब्बे जनरल के होते थे, उसको कम किया जा रहा है. इससे आम लोगों को काफी परेशानी हो रही है. आलम यह है कि पटना-मुजफ्फरपुर और कटिहार में ट्रेनों में यात्रियों को भेड़-बकरियों की तरह भरा जा रहा है. इस पर तुरंत रोक लगे.''- सुदामा प्रसाद, सांसद, भाकपा (माले)
रेलवे के निजीकरण का विरोध : सुदामा प्रसाद ने कहा कि रेलवे का निजीकरण किया जा रहा है. पूंजीपतियों की दिलचस्पी मुनाफे में रहती है. ऐसे में रेल यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं से उनका लेना-देना नहीं रहता है. इसपर रोक लगाने की आवश्यक्ता है.
''सीनियर सिटीजन के लिए रियायतें फिर से बहाल की जाए. उन्हें जो पहले सुविधा दी जा रही थी, वह फिर से दी जाए. आरा में राजधानी एक्सप्रेस का ठहराव हो. साथ ही आरा-भभुआ-मुंडेस्वरी रेल लाइन बनाई जाए.''- सुदामा प्रसाद, सांसद, भाकपा (माले)
ये भी पढ़ें :-
स्लीपर का टिकट लेकर AC में करें यात्रा, जान लें रेलवे का ये जुगाड़ - IRCTC Train Ticket Booking