भोपाल। कक्षा 5 वीं और 8 वीं की परीक्षा देने वाले बच्चों के लिए इस बार नियम कड़े हो गए हैं. परीक्षा में फेल होने पर इस बार स्टूडेंट्स को आगे की कक्षा में एडमिशन नहीं दिया जाएगा. राज्य शिक्षा केन्द्र ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की तरह परीक्षा में सख्ती कर दी है. राज्य शिक्षा केन्द्र ने इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. अभी तक शिक्षा के अधिकार के तहत कक्षा 8वीं तक बच्चों को फेल न करने के नियम थे, जिसमें अब बदलाव कर दिया गया है.
इसलिए बदला गया नियम
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा 8वीं तक बच्चों को फेल न करने के नियम से बच्चों की पढाई के स्तर में लगातार गिरावट देखी जा रही थी. इसको लेकर राज्य सरकार द्वारा भी कई बार चिंता जताई जा चुकी थी. बच्चों को फेल न करने के नियम से खराब परफॉर्मेंस वाले बच्चों को भी पास कर दिया जाता था, लेकिन 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में ऐसे बच्चे बेहतर परफॉर्म नहीं कर पाते थे और इससे बोर्ड का रिजल्ट भी बिगड़ता था. इसको देखते हुए अब नियमों में बदलाव कर दिया गया है.
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फेल होने पर फिर देनी होगी परीक्षा
कक्षा 5वीं और 8 वीं कक्षा की परीक्षा 6 मार्च से शुरू होने जा रही है. यह परीक्षा 14 मार्च तक चलेगी. कक्षा 5 वीं में इस बार सरकारी स्कूलों में 6.5 लाख बच्चे और प्राइवेट स्कूलों में 7.75 लाख बच्चे परीक्षा देंगे. इसी तरह कक्षा 8वीं की परीक्षा में इस बार सरकारी स्कूलों में 8.30 लाख बच्चे और प्राइवेट स्कूलों में 8.40 लाख बच्चे शामिल होंगे. नए नियमों के मुताबिक परीक्षा में फेल होने में अब बच्चों को आगे की क्लास में एडमिशन नहीं मिल सकेगा. इसके लिए बच्चों को फिर से परीक्षा देनी होगी. यदि फिर से परीक्षा में बच्चा फेल होता है तो फिर बच्चे को उसी क्लास में पढ़ना होगा. कक्षा 5 वीं और 8 वीं का परीक्षा परिणाम 30 मार्च को घोषित किया जाएगा.