एमपी डेस्क : मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के बजट में रेलवे पर और ज्यादा फोकस करेगी. माना जा रहा है कि सरकार का इस बार का रेल बजट 3 लाख करोड़ रु के आसपास हो सकता है. इससे रेलवे सेवाओं में बहुत बड़े परिवर्तन देखने के मिलेंगे. वहीं 200 से अधिक सेमी हाई स्पीड ट्रेनें चलाकर सरकार ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को आसानी से टिकट उपलब्ध कराएगी. इससे मध्यप्रदेश को भी काफी फायदा होगा. आइए जानते हैं कैसे...
चलाई जाएंगी 200 से अधिक पुल-पुश ट्रेनें
भारतीय रेल आधुनिक और सेमी हाई स्पीड से चलने वाली 200 से अधिक अमृत भारत ट्रेनें देश के 75 छोटे शहरों के बीच चलाएगी. ये ऐसे शहर होंगे जिनकी आबादी तीन लाख से भी कम होगी. ये अमृत भारत ट्रेनें पुल पुश सिस्टम पर आधारित होंगी. आसान भाषा में समझें तो पुल-पुश ट्रेनों को दोनों छोर से चलाया जा सकता है. इसमें एक इंजन नहीं होता बल्कि कई बोगियों में ट्रैक्शन मोटर्स होती हैं. ऐसी ट्रेनें तेजी से रफ्तार पकड़ती हैं.
एमपी को मिल सकती हैं 50 से ज्यादा ट्रेनें
कुछ रेल रूट्स पर भारी डिमांड के मुताबिक ट्रेनों का संचालन किया जाएगा. ये अमृत भारत ट्रेनें महराष्ट्र, झारखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश के छोटे शहरों को कनेक्ट करेंगी. दक्षिण से उत्तर की जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें मध्यप्रदेश से होकर ही गुजरती हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि एमपी को 50 ट्रेनें मिल सकती हैं, जिनका टिकट सामान्य मेल-एक्सप्रेस के बराबर ही होगा.
रेल सुरक्षा और वंदे भारत पर फोकस
आगामी बजट में नई ट्रेनों के साथ-साथ ट्रेनों को टक्कर से बचाने कवच 4.0 प्रणाली पर भी सरकार का फोकस हैं. इसके अलावा वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें, राजधानी और शताब्दी का टाइम टेबल सुधारने के लिए तीन नए कॉरिडोर का भी प्रस्ताव पेश किया जा सकता है. यही वजह कि इस बार रेलवे के बजट में 10 से 15 प्रतिशत की बढ़त देखी जा सकती है.
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एमपी से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
रेलवे सूत्र बताते हैं कि 23 जुलाई को आम बजट में हाई स्पीड और सेमी हाई स्पीड ट्रेनों को प्राथमिकता दी जा सकती है. इतना ही नहीं देश के पूर्व, उत्तर, व दक्षिण हिस्से में तीन नए हाई स्पीड कॉरिडोर बनाने की घोषणा भी हो सकती है. हाई स्पीड कॉरिडोर में मध्यप्रदेश दक्षिण व उत्तरी राज्यों को जोड़ने का काम भी कर सकता है. ऐसे में एमपी की रेल कनेक्टिविटी हर मामले में बढ़ने वाली है.