शहडोल। मध्य प्रदेश में स्कूलों की शुरुआत हो चुकी है. 18 जून से बच्चे भी स्कूल जाना शुरू कर चुके हैं. स्कूल खुलते ही शहडोल संभाग के कमिश्नर भी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं. वे लगातार स्कूलों का भ्रमण कर रहे हैं. इस दौरान शहडोल कमिश्नर बीएस जामोद आज अचानक शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 10 से 15 किलोमीटर दूर पचगांव गांव के माध्यमिक शाला के स्कूल का निरीक्षण करने पहुंचे. जहां उन्होंने तीन शिक्षक समेत एक हेड मास्टर को सस्पेंड करने के मौके पर ही निर्देश दे दिए हैं.
जब अचानक स्कूल में पहुंच गये कमिश्नर
शहडोल जिला मुख्यालय से लगभग 10 से 15 किलोमीटर दूर पचगांव गांव है. जहां माध्यमिक स्कूल में किसी को अंदाजा भी नहीं था कि अचानक कमिश्नर साहब पहुंच जाएंगे. वही पुराने अंदाज में स्कूल मास्टर स्कूल में पहुंचे हुए थे. कुछ तो स्कूल से गायब थे. निरीक्षण के दौरान कमिश्नर ने स्कूल में टीचर्स के संबंध में हेड मास्टर से जानकारी मांगी. हेड मास्टर ने बताया कि शासकीय माध्यमिक शाला पचगांव में टोटल 9 शिक्षक और एक भृत्य पदस्थ है. जिनमें से तीन शिक्षक मनमाने तौर पर बगैर सूचना दिए अनुपस्थित हैं.
इस बात को सुनते ही कमिश्नर नाराज हुए और कमिश्नर ने शिक्षकों के मनमाने तौर पर एब्सेंट होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की और निर्देश दिया कि स्कूल से मनमाने तौर पर अनुपस्थित शिक्षक जिसमें सरिता द्विवेदी, कामना श्रीवास्तव और सुग्रीव मिश्रा हैं, इन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए. ये निर्देश वहां उपस्थित सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग आनंद राय सिन्हा को दिए गए.
जब क्लास में हुई एंट्री तो खुल गई पोल
इसके बाद कमिश्नर क्लास में पहुंचे और बच्चों से बात की. इस दौरान कक्षा छठवीं और सातवीं के छात्रों से किताबें पढ़वाई. कक्षा छठवीं एवं सातवीं के विद्यार्थी सही ढंग से किताब भी नहीं पढ़ सके. हिंदी की किताब भी सही ढंग से नहीं पढ़ सके. जिस पर कमिश्नर ने कड़ी नाराजगी व्यक्ति की. स्कूल में उपस्थित बच्चों की पढ़ाई का स्तर काफी कम होने पर शिक्षकों को फटकार लगाई और कड़ी निगरानी नहीं रखने पर हेड मास्टर की जवाबदेही तय कर दी. पचगांव स्कूल के हेड मास्टर बैजनाथ प्रजापति को भी निलंबित करने के निर्देश सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग आनंद राय सिन्हा को दिए.
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बच्चों से पूछे ऐसे आसान से सवाल
स्कूल के निरीक्षण के दौरान कमिश्नर काफी नाराज नजर आए. कमिश्नर ने छात्रों से चर्चा भी की. चर्चा के दौरान कमिश्नर ने छात्रों से देश का नाम, देश की राजधानी, देश के प्रधानमंत्री, प्रदेश के मुख्यमंत्री के बारे में भी पूछा. जिस पर काफी कम बच्चों ने सही जवाब दिए. इस दौरान कमिश्नर ने उपस्थित छात्रों से कल प्रवेश उत्सव के समय अभिभावकों की उपस्थिति की भी जानकारी मांगी. जिस पर छात्रों ने बताया कि स्कूल में किसी भी छात्राओं के अभिभावक नहीं आए थे. जिस पर कमिश्नर ने शिक्षकों से वस्तु स्थिति की जानकारी ली और अभिभावकों को प्रवेश उत्सव के दिन नहीं आमंत्रित करने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की.
गौरतलब है की शहडोल जिले में सरकारी स्कूलों का हाल बेहाल है. कुछ चुनिंदा स्कूलों को छोड़ दिया जाए, तो ग्रामीण अंचलों में सरकारी स्कूलों के हालात भगवान भरोसे ही हैं. कभी शिक्षक समय पर आते तो कभी छात्र नहीं पहुंचते. अगर शिक्षक स्कूल पहुंच रहे हैं, तो क्लास में नहीं पहुंचते. जिससे बच्चों की पढ़ाई बहुत प्रभावित होती है.