भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पिछले दिनों सरकारी कर्मचारियों को बड़ी खुशखबरी दी थी, जिसका आदेश सोमवार 18 नवंबर को मंत्रालय से जारी हो गया है. दरअसल, सरकार ने 30 जून या 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कर्मचारियों को एक वेतन वृद्धि का लाभ देने का फैसला लिया है. जाहिर सी बात है कि सरकार के इस कदम से पेंशनरों के वेतन में बढ़ोतरी होगी. आपको बता दें कि इस संदर्भ में मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कर्मचारियों के पक्ष में कई फैसले किए थे, जिसके बाद सरकार ने ये निर्णय लिया है.
करीब 48 हजार कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
मोहन यादव सरकार के इस फैसले के बाद वेतन वृद्धि का लाभ करीब 48,661 पेंशनरों को मिलेगा. हालांकि, रिटायर्ड कर्मचारियों को इंक्रीमेंट में नकदीकरण अवकाश और ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिल सकेगा. इसके बाद अंतिम वेतन वृद्धि के आधार पर कर्मचारियों की पेंशन पुन: निर्धारित की जाएगी. 7वां वेतनमान लेने वाले कर्मचारी यदि 30 जून या 31 दिसम्बर को रिटायर्ड होते हैं तो उन्हें जुलाई और जनवरी में दी जाने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा. इसका लाभ एक मई 2023 या उसके बाद से प्रभावशील हो सकेगा.
हाईकोर्ट ने सुनाया था फैसला
दरअसल, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस तरह के कई मामलों की सुनवाई करते हुए कर्मचारियों के पक्ष में फैसला दिया था. कोर्ट ने ऐसे सभी मामलों में रिटायर्ड कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि के लिए पात्र माना था. इन्हीं फैसलों के आधार पर मध्य प्रदेश वित्त विभाग ने रिटायर होने वाले कर्मचारियों को जुलाई और जनवरी में दी जाने वाली वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ देने का निर्णय लिया है. इस फैसले से करीब 48.51 करोड़ रुपए का वित्तीय भार सरकार पर आएगा.
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मात्र 1 दिन की वजह से नहीं मिलता था वेतन वृद्धि का लाभ
गौरतलब है कि एमपी में कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ 1 जुलाई और 1 जनवरी को दिया जाता है. इससे सबसे बड़ी समस्या उन कर्मचारियों को हो रही थी, जो इस डेट के एक दिन पहले यानि 30 जून और 31 दिसंबर को रिटायर्ड हो रहे थे. मात्र 1 दिन पहले रिटायर होने की वजह से इन कर्मचारियों को वार्षिक वेतन वृद्धि का लाभ नहीं मिलता था. और तो और इसका सीधा प्रभाव रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली पेंशन पर भी पड़ रहा था. ऐसे में अब इस विसंगति को सरकार ने दूर कर दिया है.