भोपाल : मौसम वैज्ञानिक डॉ. वेद प्रकाश सिंह ने बताया कि एक जून से 4 अगस्त तक एमपी में 593.1 मिली मीटर बारिश हो चुकी है. जो सामान्य से 20 प्रतिशत अधिक है. अभी प्रदेश के अधिकतर जिलों में बारिश का सिलासिला जारी रहने का अनुमान है. मौसम विभाग ने एमपी के सभी जिलों में आगे भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. प्रदेश के ज्यादातर डैमों के गेट खोले जाने से कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं.
इन जिलों में बारिश का रेड अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र ने रतलाम, नीमच, मंदसौर, आगर मालवा, देवास, सीहोर, रायसेन, सागर दमोह और कटनी में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं झाबुआ, अलीराजपुर, उज्जैन, धार, बड़वानी, इंदौर, खरगोन, राजगढ़, शाजापुर, खंडवा, हरदा, बैतूल, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, जबलपुर, टीकमगढ़, छतरपुर और विदिशा में बारिश का आरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
आगे कैसा रहेगा मौसम?
झारखंड के पास बना कम दबाव का क्षेत्र आगे बढ़कर उत्तर-पूर्वी मध्य प्रदेश और उससे लगे उत्तर प्रदेश पर सक्रिय है. इसके प्रभाव से पूरे मध्य प्रदेश में रुक-रुककर वर्षा का सिलसिला जारी है. विशेषकर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्रों में अतिभारी वर्षा भी हुई है. इसी क्रम में पिछले 24 घंटों के दौरान रविवार सुबह साढ़े आठ बजे तक पूर्वी मध्य प्रदेश में कई स्थानों पर अतिवृष्टि हुई. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक रविवार-सोमवार को सागर, भोपाल, उज्जैन संभाग के जिलों में कई स्थानों पर और ग्वालियर, इंदौर संभाग के कुछ स्थानों पर अति भारी वर्षा होने के आसार हैं.
बीते 24 घंटों में कटनी में हुई सबसे तेज बारिश
प्रदेश में सबसे अधिक कटनी में 235.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई. इसके अलावा पन्ना के राजपुरा में 211, सागर में गढ़ाकोटा में 190.8, मैहर के रामनगर में 187.2, जबलपुर के बरगी में 186.2, उमरिया के चांदिया में 182.2, शहडोल के जयसिंह नगर में 175, सिंगरौली के देवसर में 167.2, दमोह के तेंदूखेड़ा में 165.8, विदिशा के पठारी में 156, मंडला के बिछिया में 155.6, रीवा के गुढ़ में 145, सीधी के रामपुर नैकिन में 136.5 मिमी. वर्षा हुई. इसके अतिरिक्त भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में दमोह में 134, रीवा में 132.6, जबलपुर में 129, सागर में 113.4, सतना में 109.1, सीधी में 104.2, उमरिया में 100.2, खजुराहो में 93.6, भोपाल में 63.4, नरसिंहपुर में 61, पचमढ़ी में 50 मिलीमीटर वर्षा हुई.
इस वजह से हो रही भारी बारिश
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के कम दबाव के क्षेत्र से लेकर मॉनसून द्रोणिका उत्तरी मध्य प्रदेश से होकर झारखंड, डाल्टनगंज से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है. दक्षिणी गुजरात से लेकर केरल तक अपतटीय द्रोणिका भी बनी हुई है. मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि डीप डिप्रेशन के क्षेत्र के प्रभाव से पूरे प्रदेश में वर्षा हो रही है.