भोपाल: मध्य प्रदेश पुलिस अब अपने विभागों को भी डिजिटल बनाने जा रही है. 15 नवंबर से 7वीं वाहनी विसबल के संस्थानों में नगद लेनदेन बंद कर दिया जाएगा. हालांकि, कुछ अपवाद स्वरुप इसे अतिरिक्त समय दिया जा सकता है. लेकिन एक जनवरी 2025 के बाद से नगद लेनदेन नहीं किया जाएगा. यदि 31 दिसंबर तक किसी ग्राहक के पास डिजिटल साधन नहीं है, तो उससे नगद राशि लेकर पेट्रोल समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. 15 नवंबर से 31 दिसंबर तक नगद बिक्री में ग्राहक का नाम व मोबाइल नम्बर भी रसीद के साथ लिखा जाएगा.
इन संस्थानों में केवल डिजिटल भुगतान
पुलिस कल्याण पेट्रोल पम्प, पुलिस गैस रिफिलिंग केंद्र, एलपीजी गैस, पुलिस केंटीन, सुपर बाजार, पुलिस परिसरों की साफ-सफाई व्यवस्था और अन्य गतिविधियां जिनका सालाना टर्नओवर 6 लाख से अधिक है. ऐसे संस्थानों में नगद लेनेदेन बंद किया जा रहा है. बता दें कि पीएचक्यू के पास स्थित पुलिस कल्याण पेट्रोल पंप में बीते 1 मई 2024 से कैश लेनेदेन बंद है. तब से यहां केवल डिजिटल लेनेदेन किया जा रहा है. अब अन्य संस्थानों में भी किया जाएगा.
इसलिए पड़ी डिजिटल लेनदेन की जरुरत
बता दें कि पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक सम्मेलन वर्ष 2016 में सभी पुलिस संगठनों को अधिक से अधिक कैशलेस को बढ़ावा दिए जाने की अनुशंसा की गई थी. इसके बाद गृह मंत्रालय के द्वारा केपीकेबी के लेन देन में जीएसटी में 50 प्रतिशत छूट प्रदान करने के साथ ही 100 प्रतिशत कैशलेस भुगतान किया जाना सुनिश्चित किया गया था. अब यह सभी ईकाइयों में सफलता पूर्वक संचालित हो रहा है.
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वहीं, प्रदेश के कई पेट्रोल पंपों में गंभीर गबन की घटनाएं सामने आई थीं. जिसका फारेंसिक आडिट भी कराया गया. इसमें गबन का एक कारण ईकाइयों द्वारा नगद लेनदेन करना सामने आया. ऐसे में 7वीं वाहिनी विसबल के सेनानी हितेश चौधरी ने 1 मई 2024 से पेट्रोल पंप पर नगद लेनेदेन प्रतिबंधित कर दिया गया था.