भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पेट्रोल पंप के बाद मध्य प्रदेश पुलिस पूरी तरह से कैशलेस होने जा रही है. मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा संचालित पेट्रोल पंप, एलपीजी सेंटर और सुपर बाजार सहित सभी स्थानों पर 15 नवंबर से सिर्फ डिजिटल मोड पर ही पेमेंट होगा. पीएचक्यू ने इसको लेकर सभी पुलिस अधीक्षक और सेनानियों को पत्र लिखा है और निर्देश दिया है कि सभी भुगतान ऑनलाइन मोड पर ही किए जाएं. पीएचक्यू ने अपने आदेश में कहा है कि सभी स्थानों पर भुगतान सिर्फ ऑनलाइन मोड पर ही कराए जाएं.
इसलिए कैशलेस की जा रही व्यवस्था
मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा प्रदेश के सभी बड़े शहरों में पुलिस इकाईयों के पेट्रोल पंप संचालित किए जाते हैं. इन पेट्रोल पंप में पिछले समय में वित्तीय गड़बड़ी सामने आ चुकी है. नकद भुगतान की वजह से पेट्रोल की बिक्री और आय में बड़ा अंतर आने के बाद पुलिस विभाग ने ऑनलाइन भुगतान का रास्ता अपनाया है. सातवीं वाहिनी के विशेष शस्त्र बल के सैनानी हितेश चौधरी द्वारा इसकी शुरूआत प्रयोग के तौर पर भोपाल के पेट्रोल पंप से की गई थी. इसके बाद अब प्रदेश के सभी पेट्रोल पंप पर ऑनलाइन पेमेंट की व्यवस्था शुरू की जा रही है. 15 नवंबर से इसे लागू कर दिया जाएगा.
डिजिटल भुगतान के लिए क्यूआर कोड
इसके तहत पुलिस पेट्रोल पंप, एलपीजी सेंटर और सुपर बाजार सहित अन्य स्थानों पर डिजिटल भुगतान के लिए क्यूआर कोड, यूपीआईए पीओएस मशीन आदि की व्यवस्था करने के पुलिस मुख्यालय द्वारा निर्देश दिए गए हैं. 15 नवंबर से इसे सामान्य बिक्री डिजिटल तरीके से किया जाएगा. शुरूआत में इसमें परेशानी आने पर ऑफलाइन का भी ऑपशन दिया जाएगा. 1 जनवरी से नकद लेन-देन पूरी तरह से बंद हो जाएगा. नकद बिक्री होने की स्थिति में 31 दिसंबर तक नकद बिक्री में ग्राहक का नाम, मोबाइल नंबर के साथ रसीद नंबर भी लिखना होगा ताकि पूरा रिकॉर्ड संधारित किया जा सके.
ये भी पढ़ें: नगद के चक्कर में नहीं होगी परेशानी, कैशलेस हुए पश्चिम मध्य रेलवे के स्टेशन, 254 काउंटर्स की शुरुआत |
यहां भी बंद होगा कैश
पुलिस कल्याण के पेट्रोल पंप के अलावा पुलिस गैस रिफिलिंग केन्द्र, एलपीजी गैस में नकद लेन-देन बंद किया जाएगा. इसके अलावा पुलिस परिसरों में साफ-सफाई व्यवस्था का भी भुगतान ऑनलाइन ही किया जाएगा. साथ ही पुलिस वे उन तमाम गतिविधियों में भी ऑनलाइन भुगतान होगा, जिसमें सालाना टर्नओवर 6लाख से ज्यादा है. मध्यप्रदेश पुलिस तमाम भुगतानों को ऑनलाइन करती जा रही है. ट्रैफिक पुलिस द्वारा की जाने वाली चालानी कार्रवाई को भी ऑनलाइन किया जा चुका है. इसके लिए पुलिस कर्मचारियों को डिजिटल भुगतान के लिए मशीनें दी गई हैं.