भोपाल। मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा कराई गई पटवारी भर्ती परीक्षा रिजल्ट आने से लेकर जॉइनिंग तक विवादों में लगातार बनी हुई है. पटवारी भर्ती परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद कांग्रेस नेता उमंग सिंगार ने घोटाले का आरोप लगाया था. ग्वालियर के एक ही सेंटर एनआरआई कॉलेज से टॉप 10 में से 7 अभ्यार्थी आए थे. यहां से 114 अभ्यार्थी का चयन हुआ था. टॉपर कई छात्रों ने हिंदी में हस्ताक्षर किए और उनके इंग्लिश में 25 में से 25 नंबर आए. जांच रिपोर्ट में सभी आरोपों को गलत बताते हुए क्लीन चिट दे दी गई.
सामान्य प्रशासन विभाग से मांगी रिजल्ट की जांच रिपोर्ट
कांग्रेस ने अब पटवारी की नियुक्तियों में संविदाकर्मियों की भर्ती में अयोग्य लोगों का मामला सामने आने के बाद जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की माग की है. कांग्रेस लगातार परीक्षा को लेकर सवाल उठा रही है. अब कांग्रेस विधायक व युवा कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने सामान्य प्रशसन विभाग से जांच रिपोर्ट मांगी है. विधायक विक्रांत भूरिया ने सामान्य प्रशासन को पत्र लिखकर जांच कमेटी के राजेंद्र कुमार वर्मा द्वारा सौंपी रिपोर्ट की कॉपी मांगी है. बता दें कि इससे पहले भी कांग्रेस परीक्षा की सीबीआई से जांच कराने की मांग कर चुकी है.
पटवारी रिजल्ट पर विवाद, एक ही सेंटर से टॉपर
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल ने ग्रुप-2, सबग्रुप-4 और पटवारी परीक्षा के लिए नवंबर-2022 में 9200 पद के लिए नोटिफिकेशन जारी किया था. 15 मार्च से 26 अप्रैल तक 78 सेंटर पर परीक्षाएं आयोजित हुईं. इस परीक्षा में 12 लाख 7663 अभ्यार्थियों ने आवेदन किया, जिसमें से 9 लाख 78 हजार 270 अभ्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए. परीक्षा का 30 जून 2023 को परिणाम आया. इसमें 8617 चयनित अभ्यार्थियों की मेरिट सूची जारी हुई. बाकी पद के लिए रिजल्ट रोक दिए गए थे क्योकि इसमें ग्वालियर के एक ही सेंटर से 7 टॉपर के नाम सामने आने के बाद मामला गर्मा गया था.