जबलपुर। मध्यप्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों के संचालन को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी तथा जस्टिस एके पालीवाल की युगलपीठ के समक्ष सरकार की तरफ से दो आवेदन पेश किये गये. जिसमें आग्रह किया गया कि सीबीआई की जांच में पात्र पाए गए कॉलेजों की सूची प्रदान की जाए. इसके अलावा नवीन सत्र के लिए दाखिले की अनुमति प्रदान की जाए. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद आवेदन पर फैसला सुरक्षित रखते हुए अगली सुनवाई 1 अप्रैल को निर्धारित की है.
सीबीआई ने जांच के बाद बंद लिफाफे में पेश की थी रिपोर्ट
गौरतलब है कि लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की तरफ से प्रदेश में संचालित फर्जी नर्सिंग कॉलेजों को संचालन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की जांच करने के आदेश सीबीआई को दिए गए थे. सीबीआई की तरफ से 308 कॉलेजों की जांच रिपोर्ट बंद लिफाफे में पेश की गयी थी. सीबीआई ने बताया था कि सर्वोच्च न्यायालय ने 50 कॉलेजों की जांच पर स्थगन आदेश जारी किये हैं. पिछले सुनवाई के दौरान 8 फरवरी को याचिकाकर्ता की तरफ से युगलपीठ को बताया गया कि सीबीआई ने मेडिकल यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त डिग्री कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों का निरीक्षण किया है. डिप्लोमा कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों की रिपोर्ट जांच नहीं की गयी है.
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सीबीआई रिपोर्ट में 169 नर्सिंग कॉलेजों को पात्र बताया
युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि सीबीआई रिपोर्ट में प्रदेश में संचालित 169 नर्सिंग कालेज पात्र पाए गए हैं. जबकि 74 नर्सिंग कालेज ऐसे पाए गए जो मानकों को तो पूरा नहीं करते हैं किंतु उनमें ऐसी अनियमितताएं हैं, जिन्हें सुधारा जा सकता है तथा 65 कॉलेज आयोग्य पाये गये हैं. युगलपीठ ने डिप्लोमा कोर्स संचालित करने वाले कॉलेजों की सीबीआई जांच तथा जिस कॉलेजों में अनियमितता पाई गई हैं, उन्हें दूर करने के लिए हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने के आदेश जारी किये. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आलोक बागरेचा ने पैरवी की.