भोपाल। मध्य प्रदेश में आकार ले रहे एक्सप्रेस-वे और प्रस्तावित नेशनल हाईवे के कामों में और तेजी आने वाली है. इन परियोजनाओं की गति बढ़ाने के लिए केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मध्य प्रदेश के अधिकारियों को दिल्ली बुलाया है. इस बैठक को मध्य प्रदेश की सड़क परियोजनाओं को लेकर प्रदेश के अधिकारियों और केन्द्र के अधिकारियों के साथ केन्द्रीय मंत्री गडकरी चर्चा करेंगे. बैठक में देरी से चल रहे प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और इनकी निर्माण की गति को बढ़ाया जाएगा.
इन प्रोजेक्ट को लेकर होगी चर्चा
बताया जा रहा है कि मध्य प्रदेश में कई बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, जो प्रदेश की तस्वीर को बदलकर रख देंगी. इनमें एक्सप्रेस वे, रिंग रोड और प्रस्तावित नेशनल हाईवे शामिल हैं. बैठक में इन सभी प्रोजेक्ट्स पर एक-एक कर चर्चा होगी. इनमें से कई प्रोजेक्ट का केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने ही भूमि पूजन किया था, लेकिन इनके निर्माण की रफ्तार तेजी नहीं पकड़ पा रहे. इन सभी प्रोजेक्ट में आ रही कमियों को केन्द्रीय मंत्री खुद देखेंगे.
अटल एक्सप्रेस मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र को यमुना एक्सप्रेस-वे और दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे से जुड़ेगा. करीबन 20 हजार करोड़ की लागत से कोटा से इटावा तक इसकी लंबाई 415 किलोमीटर होगी.
नर्मदा प्रगति पथ एक्सप्रेस वे प्रदेश के 13 जिलों से होकर गुजरेगा. इसके गुजरात के भरूच अहमदाबाद तक बढ़ाए जाने की भी योजना है. इसकी लागत करीबन 31 हजार करोड़ रुपए है.
विंध्य एक्सप्रेस वे करीब 676 किलोमीटर लंबा होगा. इस एक्सप्रेस वे से भोपाल से सिंगरौली सीधे जुड़ जाएगा. इस नेशनल हाईवे के तैयार होने से कई नेशनल हाईवे आपस में जुड़ जाएंगे.
इंदौर-धार-अलीराजपुर कॉरिडोर के नाम से जाने जाना वाला मालवा-निमाड़ विकास पथ करीबन 450 किलोमीटर लंबा होगा.
इंदौर में बनाए जाने वाले 64 किलोमीटर लंबे रिंगरोड पर भी चर्चा होगी.
मध्य भारत विकास पथ को लेकर भी चर्चा की जाएगी. 746 किलोमीटर लंबे इस नेशनल हाईवे से प्रदेश के कई महाकौशल और बुंदेलखंड क्षेत्र में फायदा होगा.
बमीठा से पन्ना-सतना तक नेशनल हाईवे 39 का 98 किलोमीटर मार्ग फोरलेन किया जाना है. बैठक में इस पर भी चर्चा होगी.
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अधिकारियों को बताना होगा क्यों हो रही देरी
केन्द्रीय मंत्री की बैठक में अधिकारियों को बताना होगा कि आखिर प्रोजेक्ट में तेजी क्यों और किस वजह से आ रही है. उधर केन्द्रीय मंत्री की बैठक को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा पहले ही तमाम प्रोजेक्ट की समीक्षा कर ली गई है. बैठक में पीडब्ल्यूडी, वन विभाग और राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की गई.