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नर्मदा घाट पर बसे शहर 100% बदल जाएंगे, मोहन सरकार का 1618 करोड़ का चमकाऊ प्लान - Narmada River Cities Plan

मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 1618 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया है. नर्मदा को साफ करने के साथ-साथ इसके किनारे बसे शहरों का भी कायाकल्प करके पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा.

Mohan Govt Narmada Rs 1618 Cr Plan
मध्य प्रदेश में शीशे की तरह चमकेगा नर्मदा का पानी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 24, 2024, 9:35 PM IST

Updated : Sep 26, 2024, 11:07 AM IST

भोपाल: देश की 5वीं और मध्य प्रदेश की सबसे लंबी नदी नर्मदा को निर्मल बनाने की तैयारी मोहन सरकार ने कर ली है. एमपी के हिस्से में आने वाली करीब 1077 किलोमीटर की इस नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 1618 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है. इसमें 873 करोड़ रुपये राज्य सरकार एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक और जर्मन बैंक केएफडब्ल्यू से लोन लिया है. मध्य प्रदेश के 10 शहरों में नदी से मिलने वाले सीवेज को रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए गए हैं. जिनका संचालन भी शुरु हो गया है. अब अन्य स्थानों पर सीवेज रोकने के लिए नए एसटीपी बनाए जा रहे हैं.

नर्मदा नदी के किनारे बसे इन शहरों का होगा कायाकल्प

नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाने के साथ इसके किनारे बसे शहरों का भी कायाकल्प किया जाएगा, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके. इनमें अमरकंटक, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, भेड़ाघाट, नरसिंहपुर, साईंखेड़ा, नर्मदापुरम, बुधनी, भैरुंदा, नेमावर, ओंकारेश्वर, बड़वाह, सनावद, मंडलेश्वर, महेश्वर, धामनोद, धरमपुरी, अंजड़, बड़वानी और सेंधवा शामिल हैं. इसके साथ ही नर्मदा नदी जिन ग्रामीण क्षेत्रों से निकलती है, वहां भी नदी के किनारे नालों के पानी को मिलने से रोका जाएगा. यहां एसटीपी बनाकर नालों का गंदा पानी खेतों में छोड़ा जाएगा.

पीसीबी ने 16 शहरों पर लगाई 80 करोड़ की पेनाल्टी

नर्मदा नदी के आसपास बसे शहरों में बेतरतीब अतिक्रमण बढ़ रहा है. आसपास रहवासी बस्तियां होने से यहां से निकला सीवेज और गंदा पानी सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है. इसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 16 नगरीय निकायों पर 79.44 करोड़ रुपए की पेनाल्टी भी लगा चुका है. सबसे अधिक पेनाल्टी जबलपुर नगर निगम पर 11.20 करोड़ रुपये की लगाई गई थी. अब नर्मदा नदी को निर्मल बनाने के लिए सबसे अधिक बजट भी जबलपुर शहर के लिए रखा गया है. यहां 1618 करोड़ रुपये में करीब 540 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

ये भी पढ़ें:

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होगा सीवेज से निकले पानी का इस्तेमाल

नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने बताया कि ''नर्मदा नदी के किनारे बुधनी, भेड़ाघाट और धरमपुरी में एसटीपी निर्माण का शत प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. यहां सीवेज के पानी का ट्रीटमेंट भी शुरु हो गया है. अन्य नगरीय निकायों में भी एसटीपी बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है. वहीं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकले पानी का इस्तेमाल उद्यानिकी और फसलों की सिंचाई में किया जाएगा. नगरीय निकाय इस जल का इस्तेमान सड़कों की सफाई और पार्कों में पौधों को पानी देने में भी करेंगे.''

भोपाल: देश की 5वीं और मध्य प्रदेश की सबसे लंबी नदी नर्मदा को निर्मल बनाने की तैयारी मोहन सरकार ने कर ली है. एमपी के हिस्से में आने वाली करीब 1077 किलोमीटर की इस नदी को स्वच्छ बनाने के लिए 1618 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है. इसमें 873 करोड़ रुपये राज्य सरकार एशियन डेवलपमेंट बैंक, वर्ल्ड बैंक और जर्मन बैंक केएफडब्ल्यू से लोन लिया है. मध्य प्रदेश के 10 शहरों में नदी से मिलने वाले सीवेज को रोकने के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए गए हैं. जिनका संचालन भी शुरु हो गया है. अब अन्य स्थानों पर सीवेज रोकने के लिए नए एसटीपी बनाए जा रहे हैं.

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नर्मदा नदी को स्वच्छ बनाने के साथ इसके किनारे बसे शहरों का भी कायाकल्प किया जाएगा, जिससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके. इनमें अमरकंटक, डिंडोरी, मंडला, जबलपुर, भेड़ाघाट, नरसिंहपुर, साईंखेड़ा, नर्मदापुरम, बुधनी, भैरुंदा, नेमावर, ओंकारेश्वर, बड़वाह, सनावद, मंडलेश्वर, महेश्वर, धामनोद, धरमपुरी, अंजड़, बड़वानी और सेंधवा शामिल हैं. इसके साथ ही नर्मदा नदी जिन ग्रामीण क्षेत्रों से निकलती है, वहां भी नदी के किनारे नालों के पानी को मिलने से रोका जाएगा. यहां एसटीपी बनाकर नालों का गंदा पानी खेतों में छोड़ा जाएगा.

पीसीबी ने 16 शहरों पर लगाई 80 करोड़ की पेनाल्टी

नर्मदा नदी के आसपास बसे शहरों में बेतरतीब अतिक्रमण बढ़ रहा है. आसपास रहवासी बस्तियां होने से यहां से निकला सीवेज और गंदा पानी सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है. इसको लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 16 नगरीय निकायों पर 79.44 करोड़ रुपए की पेनाल्टी भी लगा चुका है. सबसे अधिक पेनाल्टी जबलपुर नगर निगम पर 11.20 करोड़ रुपये की लगाई गई थी. अब नर्मदा नदी को निर्मल बनाने के लिए सबसे अधिक बजट भी जबलपुर शहर के लिए रखा गया है. यहां 1618 करोड़ रुपये में करीब 540 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

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नगरीय प्रशासन विभाग के आयुक्त भरत यादव ने बताया कि ''नर्मदा नदी के किनारे बुधनी, भेड़ाघाट और धरमपुरी में एसटीपी निर्माण का शत प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. यहां सीवेज के पानी का ट्रीटमेंट भी शुरु हो गया है. अन्य नगरीय निकायों में भी एसटीपी बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है. वहीं सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से निकले पानी का इस्तेमाल उद्यानिकी और फसलों की सिंचाई में किया जाएगा. नगरीय निकाय इस जल का इस्तेमान सड़कों की सफाई और पार्कों में पौधों को पानी देने में भी करेंगे.''

Last Updated : Sep 26, 2024, 11:07 AM IST
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