हजारीबाग: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देश पर नेता प्रतिपक्ष और चंदनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी के नेतृत्व में भाजपा के 8 विधायकों का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को बड़कागांव पहुंचा. हजारीबाग लोकसभा सांसद मनीष जायसवाल बुधवार को पहुंचे थे और आधा दर्जन प्रभावित गांवों का दौरा कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को घटना की जानकारी दी थी.
नयाटांड़ मंगल बाजार में नेता प्रतिपक्ष बाउरी ने कहा कि झारखंड के इतिहास में पहली बार किसी पर्व के नाम पर हंगामा और उपद्रव हुआ है. कहीं लाठीचार्ज हुआ, कहीं झंडा लहराया गया तो कहीं पत्थरबाजी हुई. पाकुड़ में अभी भी हंगामा जारी है. बड़कागांव की पूरी घटना की जानकारी हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल ने दी है. महुदी गांव में हुई घटना की वास्तविक स्थिति को संज्ञान में लिया गया है तथा इस मामले को झारखंड के डीजीपी, सरकार तथा गृह मंत्री के समक्ष उठाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि भाजपा आपके हर सुख-दुख में साथ है, डरने या घबराने की कोई बात नहीं है. पूरे झारखंड में डेमोग्राफी बदल रही है. झारखंड में वोट बैंक की राजनीति चल रही है. इन सभी मुद्दों को विधानसभा में नियमानुसार कानूनी तरीके से लड़ा जाएगा. प्रशासन तत्काल लाइसेंस जारी कर महुदी का रामनवमी जुलूस निकाले, अन्यथा विधानसभा चुनाव में सरकार बदलते ही भव्य जुलूस निकाला जाएगा.
बड़कागांव में पूरा विवाद रामनवमी जुलूस के रूट को लेकर है. जानकारी के अनुसार, बड़कागांव प्रखंड के सोनपुरा गांव स्थित महुदी सरकारी स्कूल के पास रामनवमी जुलूस के रूट की मांग को लेकर महुदी और सोनपुरा गांव में अमन कुमार तथा उनके साथ कई युवक धरना पर बैठे थे. इसको लेकर प्रशासन सक्रिय हो गया था. चूंकि इसी रूट से मुहर्रम का जुलूस भी गुजरता है. ऐसे में प्रशासन ने किसी अनहोनी की आशंका जताते हुए धरने पर बैठे लोगों से हटने की अपील की. इसको लेकर थाने में बैठक हुई.
बैठक में दोनों पक्षों के लोग मौजूद थे. जहां तय हुआ कि मुहर्रम गुजरने दिया जाए, जिसके बाद 21 जुलाई को बैठक होगी. प्रशासन की मांग नहीं मानी गई लोगों की मांग थी कि पहले हमारी मांग पूरी करें, फिर धरना खत्म किया जाएगा. जब मामला नहीं सुलझा तो धरना जारी रहा. चूंकि इसी रूट से मुहर्रम का जुलूस भी गुजरना था, इसलिए प्रशासन रूट खाली कराने की कोशिश में जुट गया.
देर रात पुलिस ने धरने पर बैठे अमन कुमार और एक अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद विवाद बढ़ता चला गया. मुहर्रम जुलूस पर पथराव तथा तोड़फोड़ की घटना हुई, जिसमें कई लोग घायल भी हुए. मुहर्रम से एक दिन पहले भी बड़कागांव में पथराव किया गया था. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले भी दागे थे. जिसके बाद अब भाजपा का प्रतिनिधिमंडल बड़कागांव पहुंचा.
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