भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग लगातार प्रदेश में घट रही घटनाओं को लेकर सजग बना हुआ है. प्रदेश में घटी सात ऐसी घटनाएं जो कि सीधे तौर पर मानव अधिकारों के उल्लंघन से जुड़ी हैं, इन पर मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी और सदस्य राजीव टंडन ने संज्ञान लिया है. आयोग ने घटनाओं के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किए हैं.
मानव अधिकार आयोग ने 7 मामलों में मांगा जवाब
- भोपाल में विचाराधीन बंदी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में मौत
भोपाल शहर के सेंट्रल जेल में बंद एक विचाराधीन बंदी की अस्पताल में इलाज के दौरान मृत्यु होने की घटना सामने आई है.बीते शुक्रवार को हाई कोर्ट से बंदी को जमानत मिली थी. बीते सोमवार को बंदी की रिहाई होनी थी. रविवार को बंदी की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने अधीक्षक, सेन्ट्रल जेल से एक माह में जांच प्रतिवेदन मांगा है.
- धार में पुलिस अभिरक्षा में वाहन से कूदा दुष्कर्म का आरोपी, मौत
धार जिले में बीते गुरूवार को दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के आरोपी की पुलिस अभिरक्षा में इंदौर लाये जाने के दौरान हादसे में मृत्यु होने की घटना सामने आई है. आरोपी को जब निजी वाहन से लाया जा रहा था, तभी वह वाहन से कूद गया. जिसके कारण वह गंभीर रूप से घायल हो गया. आरोपी घायल को इंदौर के शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी मौत हो गई. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, धार से घटना की जांच कराकर की गई कार्रवाी के संबंध में एक माह में जवाब मांगा है.
- प्रदेश में बिना ट्रेनिंग कर रहे जोखिम भरे काम
प्रदेश के बिजली कंपनियों में 45 हजार आउटसोर्स कर्मचारी लगे हैं. मेंटेंनेस का जिम्मा इन्हीं के कंधों पर है, लेकिन जान जोखिम में डालने वाले इन कर्मचारियों को उर्जा विभाग का कर्मचारी नहीं माना जाता है. कर्मचारी की ड्यूटी नहीं होने पर भी उनसे खंभे पर बिजली लाइन का कार्य कराया जाता है. हादसे में कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिवार को मुआवजा राशि दी जाती है, लेकिन परिवार की हालत फिर वैसी ही हो जाती है. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसीएस, ऊर्जा से मामले की जांच कराकर 4 बिन्दुओं पर तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
- गुमठियों में गंजेपन से छुटकारा दिलाने वाले क्लीनिक
भोपाल शहर में गुमठियों में हेयरकटिंग सैलून चलाने वाले खुद को हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ बताकर अपना क्लीनिक चला रहे हैं. नेशनल मेडिकल कमीशन की गाइडलाइन के मुताबिक प्लास्टिक सर्जन या फिर स्किन स्पेशलिस्ट ही हेयर ट्रांसप्लांट कर सकते हैं, लेकिन शहर में गली-मोहल्लों में इस तरह के क्लीनिक संचालित हो रहे हैं. ये क्लीनिक आमजन की सेहत और स्वास्थ्य के लिये बड़ा खतरा बने हुए हैं. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर एवं सीएमएचओ भोपाल से मामले की जांच कराकर तीन सप्ताह में जांच प्रतिवेदन मांगा है.
- विदिशा जिले में छह साल में एक बार भी नहीं आये नल
विदिशा जिले के वार्ड नंबर 2 जतरापुरा क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत बने आवास परिसर में पिछले 6 साल से पेयजल नहीं मिलने का मामला सामने आया है. नल जल योजना के अंतर्गत 6 साल पहले परिसर में पाइपलाइन बिछाई गई और घरों में नल कनेक्शन भी दिये गये, लेकिन अभी तक पेयजल नहीं मिल पा रहा है. रहवासियों का कहना है कि घर में पेयजल नहीं आने के बावजूद नगर पालिका द्वारा हजारों रूपये के बिल दिये जा रहे हैं. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, विदिशा से मामले की जांच कराकर रहवासियों के लिये पर्याप्त व स्वच्छ जल उपलब्ध किये जाने के संबंध में की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन तीन सप्ताह में मांगा है.
- राजीनामा करने गई महिला से किया सामूहिक दुराचार
मुरैना जिले के अंबाह थानाक्षेत्र के चांदपुरा गांव में पति पर लगे रेप केस में दूसरे पक्ष से राजीनामा करने गई गर्भवती महिला के साथ सामूहिक दुराचार करके उस पर पेट्रोल डालकर जिंदा जलाने की घटना सामने आई है. गर्भवती महिला 70 फीसदी तक जल गई है. पीड़ित महिला को ग्वालियर मेडिकल काॅलेज में भर्ती कराया गया है. घायल महिला ने एंबुलेंस में अपने पति को घटना की जानकारी दी. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस अधीक्षक, मुरैना से घटना की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.
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- शिवपुरी में जादू टोना के शक में महिला के साथ अत्याचार
शिवपुरी जिले के सिलानगर के अमोला थानाक्षेत्र में एक बुजुर्ग महिला को उसके घर के पास निवास करने वाली एक महिला और उसके परिजनों ने जादू टोना के शक में अत्याचार किया. महिला का रास्ता रोकर बुजुर्ग महिला के साथ लात घूसों से मारपीट कर कपड़े फाड़ देने का मामला सामने आया है. इसके बाद बुजुर्ग महिला के मुंह में गंदगी भी भर दी और खुद ही आरोपी बुजुर्ग दंपती को टैक्सी में डालकर थाने ले गये. अमोला थाना पुलिस ने मैला खिलाने वाले 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, शिवपुरी एवं पुलिस अधीक्षक, शिवपुरी से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में तीन सप्ताह में जवाब मांगा है.