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अस्पतालों में तैयार हो रहे बर्थ वेटिंग होम, हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं के लिए खास योजना, जानिए- कैसे उठाएं लाभ - MP hospitals woman delivery - MP HOSPITALS WOMAN DELIVERY

मध्यप्रदेश में हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं के लिए अब अस्पतालों में बर्थ वेटिंग होम बनाए जा रहे हैं. इससे ग्रामीण महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी. योजना के अनुसार 7 दिन पहले से ही डॉक्टरों की निगरानी में गर्भवती महिलाएं रहेंगी. बर्थ वेटिंग होम योजना क्या है, लोग इस योजना का लाभ कैसे उठाएं, आइए जानते हैं.

MP hospitals woman delivery
अस्पतालों में तैयार हो रहे बर्थ वेटिंग होम (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 2, 2024, 10:57 AM IST

छिंदवाड़ा। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के दौर से गुजर रही महिलाओं को सरकारी अस्पताल पहुंचने में देरी नहीं होगी. अब अस्पतालों में बर्थ वेटिंग होम बनाए जा रहे हैं. डिलीवरी डेट से 7 दिन पहले बर्थ वेटिंग होम में भर्ती किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित प्रसव के लिए ये पहल कर रही है. छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी और दूरस्थ ग्रामीण अंचलों की गर्भवती महिलाओं के लिए जिला अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में बर्थ वेटिंग होम तैयार हो रहे हैं.

MP hospitals woman delivery
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं के लिए खास योजना (ETV BHARAT)

बर्थ वेटिंग होम में 7 दिन पहले भर्ती होगी महिला

बर्थ वेटिंग होम में प्रसव की संभावित तारीख से 7 दिन पहले गर्भवती महिलाओं को शिफ्ट किया जाएगा, ताकि गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराया जा सके. इससे मातृ-शिशु मृत्युदर पर अंकुश लगाया जा सकेगा. सीएमएचओ डॉ.एनके शास्त्री ने बताया "अमरवाड़ा, बिछुआ, तामिया, जुन्नारदेव, हर्रई, मोहखेड़ और जिला अस्पताल में बर्थ वेटिंग होम की सुविधा रहेगी. यहां अतिरिक्त बेड व संसाधनों की व्यवस्था कर गर्भवती महिलाओं को रखा जाएगा." हाईरिस्क प्रेग्नेंसी वाली ग्रामीण महिलाओं के लिए योजना वरदान साबित होगी.

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दूरस्थ ग्रामीण अंचल की महिलाओं को सुविधा

कई बार दूरस्थ अंचलों से अस्पताल पहुंचने से पहले ही गर्भवती महिलाओं का घर या एम्बुलेंस में प्रसव हो जाता है. जिसमें जच्चा-बच्चा की जान का जोखिम होता है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा बर्थ वेटिंग होम में 7 से 10 दिन तक गर्भवती महिलाओं की सभी जांच व इलाज दिया जाएगा. इसी के साथ गर्भवती के साथ आने वाले बच्चे व अटेंडर के लिए भोजन की व्यवस्था कराई जाएगी. CMHO डॉ एनके शास्त्री ने बताया "हाईरिस्क गर्भवती और दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में निवास करने वाली गर्भवती महिलाओं को बर्थ वेटिंग होम तक लाने की जवाबदारी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है."

छिंदवाड़ा। हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के दौर से गुजर रही महिलाओं को सरकारी अस्पताल पहुंचने में देरी नहीं होगी. अब अस्पतालों में बर्थ वेटिंग होम बनाए जा रहे हैं. डिलीवरी डेट से 7 दिन पहले बर्थ वेटिंग होम में भर्ती किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा सुरक्षित प्रसव के लिए ये पहल कर रही है. छिंदवाड़ा जिले के आदिवासी और दूरस्थ ग्रामीण अंचलों की गर्भवती महिलाओं के लिए जिला अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों में बर्थ वेटिंग होम तैयार हो रहे हैं.

MP hospitals woman delivery
हाई रिस्क प्रेग्नेंसी वाली महिलाओं के लिए खास योजना (ETV BHARAT)

बर्थ वेटिंग होम में 7 दिन पहले भर्ती होगी महिला

बर्थ वेटिंग होम में प्रसव की संभावित तारीख से 7 दिन पहले गर्भवती महिलाओं को शिफ्ट किया जाएगा, ताकि गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराया जा सके. इससे मातृ-शिशु मृत्युदर पर अंकुश लगाया जा सकेगा. सीएमएचओ डॉ.एनके शास्त्री ने बताया "अमरवाड़ा, बिछुआ, तामिया, जुन्नारदेव, हर्रई, मोहखेड़ और जिला अस्पताल में बर्थ वेटिंग होम की सुविधा रहेगी. यहां अतिरिक्त बेड व संसाधनों की व्यवस्था कर गर्भवती महिलाओं को रखा जाएगा." हाईरिस्क प्रेग्नेंसी वाली ग्रामीण महिलाओं के लिए योजना वरदान साबित होगी.

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दूरस्थ ग्रामीण अंचल की महिलाओं को सुविधा

कई बार दूरस्थ अंचलों से अस्पताल पहुंचने से पहले ही गर्भवती महिलाओं का घर या एम्बुलेंस में प्रसव हो जाता है. जिसमें जच्चा-बच्चा की जान का जोखिम होता है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा बर्थ वेटिंग होम में 7 से 10 दिन तक गर्भवती महिलाओं की सभी जांच व इलाज दिया जाएगा. इसी के साथ गर्भवती के साथ आने वाले बच्चे व अटेंडर के लिए भोजन की व्यवस्था कराई जाएगी. CMHO डॉ एनके शास्त्री ने बताया "हाईरिस्क गर्भवती और दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में निवास करने वाली गर्भवती महिलाओं को बर्थ वेटिंग होम तक लाने की जवाबदारी आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सौंपी गई है."

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