जबलपुर। यह जनहित का मामला लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल की ओर से दायर किया गया है. इसमें कहा गया है कि मध्यप्रदेश राज्य सूचना आयोग में मुख्य सूचना आयुक्त सहित कुल 10 पद स्वीकृत हैं. सितंबर 2023 में केवल तीन पद भरे थे, जो मार्च 2024 में खाली हो गए. याचिका में कहा गया कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत द्वितीय अपीलों का निपटारा करने हेतु 180 दिन की समय सीमा निर्धारित है.
राज्य सूचना आयोग में 10 हज़ार से ज्यादा शिकायतें लंबित
याचिकाकर्ता ने न्यायालय को बताया कि सूचना आयुक्तों की कमी के चलते राज्य सूचना आयोग में 10 हज़ार से ज़्यादा अपील एवं शिकायतें लंबे समय से लंबित हैं. मार्च 2024 में सूचना आयुक्त के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद आयोग का काम ठप हो गया है. वहीं राज्य शासन की ओर से न्यायालय को बताया गया कि सरकार द्वारा सूचना आयोग में आयुक्तों की नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया था. सरकार को 185 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिन पर आगे की कार्रवाई की जा रही है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को चार हफ्ते का समय देते हुए पूरे मामले में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.
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मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्त कब होगी
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया के बारे में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के लिए समय मांगा. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की सरकार के आग्रह को स्वीकार करते हुए एक सप्ताह की मोहलत दी है. अगली सुनवाई 1 मई को होगी.जबलपुर। ग्वालियर के बिरला नगर में सीवर चैम्बर की सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव से दो श्रमिकों की मौत के मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिये थे.