जबलपुर। कृषि उपज मंडी समिति डिंडौरी में सब इंस्पेक्टर पद पर तैनात एक व्यक्ति ने पदोन्नति का लाभ नहीं दिये जाने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की. याचिका की सुनवाई के दौरान पाया गया कि आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के कारण याचिकाकर्ता को पदोन्नति से वंचित किया गया था. हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा कि पदोन्नति के लिए कर्मचारी का रिकॉर्ड बेदाग होना चाहिए. एकलपीठ ने ये आदेश सुनाकर इस याचिका को खारिज कर दिया.
आपराधिक प्रकरण के कारण नहीं मिला प्रमोशन
याचिकाकर्ता लक्ष्मण प्रदान रजक की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि कृषि उपज मंडी समिति डिंडौरी में सब इंस्पेक्टर के पद पर पदस्थ था. साल 2018 में उसे पदोन्नति मिली थी, लेकिन इसका लाभ उसे नहीं मिला. पदोन्नति के नहीं देने का कारण उसके खिलाफ दर्ज अपराधिक प्रकरण को बताया गया. न्यायालय ने आपराधिक प्रकरण में उसे साल 2022 में सजा से दंडित किया है.
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याचिकाकर्ता को जेल में रहना पड़ा था
याचिकाकर्ता की तरफ से तर्क दिया गया कि पदोन्नति के समय उसे सजा से दंडित नहीं किया गया था. एकलपीठ को बताया गया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ साल 2015 में धारा 409 के तहत अपराधिक प्रकरण दर्ज हुआ था. जिसके कारण उसके 42 दिन जेल में रहना पड़ा था. आपराधिक प्रकरण के कारण उसे पदोन्नति प्रदान नहीं की गयी. एकलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए ये आदेश जारी किया.