जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने पूर्व में दिये गये आदेश का अक्षरशः पालन न होने के मामले को गंभीरता से लिया है. जस्टिस डीडी बसंल की एकलपीठ ने मामले में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव मोहम्मद सुलेमान व जबलपुर मेडिकल कालेज की डीन गीता गुईन को अवमानना मामले में नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. यह अवमानना का मामला याचिकाकर्ता पुष्पा किरार की ओर से दायर किया गया था.
याचिका में ये दलीले दीं
याचिका में कहा गया है कि वह 30 जून 2015 को प्रोफेसर के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं. सेवानिवृत्ति उपरांत उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एक जुलाई 2015 को लगने वाले वार्षिक इंक्रीमेंट का लाभ दिलाये जाने की प्रार्थना की थी. चूंकि इससे संबंधित मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित थे. जिस पर न्यायालय ने याचिका का पटाक्षेप इस निर्देश के साथ कर दिया था कि सर्वोच्च न्यायालय यदि उक्त लाभ दिये जाने के संबंध में निर्देश जारी करता है तो आवेदिका को भी उसका लाभ दिया जाये.
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सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन नहीं मानी
इस मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विकास महावर ने पक्ष रखा. जिन्होंने बताया कि 11 अप्रैल 2023 को सर्वोच्च न्यायालय ने उक्त लाभ सभी कर्मचारियों को दिये जाने के संबंध में आदेश दिये हैं, जिस वजह से आवेदिका भी उक्त लाभ पाने की हकदार है. लेकिन न्यायालय के आदेश के बावजूद उस पर अमल नहीं किया गया, जोकि अवमानना की श्रेणी में आता है. सुनवाई पश्चात न्यायालय ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.