ETV Bharat / state

एमपी हाईकोर्ट ने मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया के लिए सरकार को दिया समय - MP High Court

author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 3, 2024, 1:39 PM IST

मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष की चयन प्रक्रिया के लिए समय देने का आग्रह हाईकोर्ट से किया. हाईकोर्ट जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार को सोमवार तक का समय प्रदान करते हुए अगली सुनवाई 6 मई को निर्धारित की है.

MP High Court
मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष का पद खाली (ETV BHARAT)

जबलपुर। ग्वालियर के बिरला नगर में सीवर चैंबर की सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव होने से दो श्रमिकों की मौत के मामले को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए. संज्ञान याचिका में कहा गया था कि यह एक दिल दहलाने वाली घटना है. सीवर चैंबर साफ करने गये दो मजदूर जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आ गए. बचाव के प्रयास के बावजूद भी मदद पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गयी. इसी तरह की घटनाएं मध्य प्रदेश में कई जगहों पर हुई हैं.

मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध एक्ट

गरीब श्रमिकों को गटर या सीवर लाइन में प्रवेश करने के लिए भेजते समय उचित उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं. इस बात पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि ऐसे कार्यकर्ता समाज के निचले तबके से आते हैं. याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अधिवक्ता आकाश चौधरी की तरफ से युगलपीठ को बताया गया था कि मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत सरकार को विभिन्न कमेटी का गठन करना था. एक्ट के परिपालन के लिए कमेटी की समय-समय पर बैठक का आयोजित होनी थी.

ALSO READ:

करोड़ों के घोटाले में फंसे आरजीपीवी के पूर्व कुलपति को MP हाईकोर्ट से जमानत, ये शर्तें पालन करनी होंगी

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति अब तक क्यों नहीं, एमपी हाईकोर्ट ने दी सरकार को एक सप्ताह की मोहलत

हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा था हलफनामा

युगलपीठ ने पाया कि कुछ ही कमेटी का गठन किया गया है. युगलपीठ ने याचिका में राज्य मानव अधिकार आयोग को अनावेदक बनाते हुए ऐसे कितने मामलों में उनकी तरफ से संज्ञान लिया गया है. इस संबंध में हलफनामा पेश करने निर्देश जारी किये थे. याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के आदेश पर आयोग के रजिस्ट्रार व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुआ था. उन्होंने युगलपीठ को बताया था कि विगत 6 माह से आयोग का अध्यक्ष पद रिक्त है. युगलपीठ ने आयोग के अध्यक्ष पद रिक्त होने के संबंध में सरकार से हलफनामा मांगा था.

जबलपुर। ग्वालियर के बिरला नगर में सीवर चैंबर की सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव होने से दो श्रमिकों की मौत के मामले को हाई कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए. संज्ञान याचिका में कहा गया था कि यह एक दिल दहलाने वाली घटना है. सीवर चैंबर साफ करने गये दो मजदूर जहरीली गैस के रिसाव की चपेट में आ गए. बचाव के प्रयास के बावजूद भी मदद पहुंचने से पहले उनकी मौत हो गयी. इसी तरह की घटनाएं मध्य प्रदेश में कई जगहों पर हुई हैं.

मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध एक्ट

गरीब श्रमिकों को गटर या सीवर लाइन में प्रवेश करने के लिए भेजते समय उचित उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जाते हैं. इस बात पर जोर देने की जरूरत नहीं है कि ऐसे कार्यकर्ता समाज के निचले तबके से आते हैं. याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट मित्र अधिवक्ता आकाश चौधरी की तरफ से युगलपीठ को बताया गया था कि मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत सरकार को विभिन्न कमेटी का गठन करना था. एक्ट के परिपालन के लिए कमेटी की समय-समय पर बैठक का आयोजित होनी थी.

ALSO READ:

करोड़ों के घोटाले में फंसे आरजीपीवी के पूर्व कुलपति को MP हाईकोर्ट से जमानत, ये शर्तें पालन करनी होंगी

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति अब तक क्यों नहीं, एमपी हाईकोर्ट ने दी सरकार को एक सप्ताह की मोहलत

हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा था हलफनामा

युगलपीठ ने पाया कि कुछ ही कमेटी का गठन किया गया है. युगलपीठ ने याचिका में राज्य मानव अधिकार आयोग को अनावेदक बनाते हुए ऐसे कितने मामलों में उनकी तरफ से संज्ञान लिया गया है. इस संबंध में हलफनामा पेश करने निर्देश जारी किये थे. याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के आदेश पर आयोग के रजिस्ट्रार व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हुआ था. उन्होंने युगलपीठ को बताया था कि विगत 6 माह से आयोग का अध्यक्ष पद रिक्त है. युगलपीठ ने आयोग के अध्यक्ष पद रिक्त होने के संबंध में सरकार से हलफनामा मांगा था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.