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एमपी हाईकोर्ट की युगल पीठ ने एकल पीठ के आदेश पर दिया स्टे, डीजीपी सहित 3 पुलिस अफसरों को राहत - MP High Court stay order

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने बालाघाट जिले में दर्ज एक आपराधिक मामले में डीजीपी सहित तीन पुलिस अफसरों को राहत दी है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सुनवाई करते हुए एकलपीठ के आदेश पर रोक लगा दी है.

MP High Court stay order
एमपी हाईकोर्ट की युगलपीठ ने एकल पीठ के आदेश पर दिया स्टे
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 27, 2024, 10:06 AM IST

जबलपुर। बालाघाट निवासी अतुल मंडलेकर की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि साल 2014 उसकी शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आपराधिक प्रकरण दर्ज किया था. कोतवाली पुलिस द्वारा प्रकरण में साल 2017 को क्लोजर रिपोर्ट दायर की गयी थी. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया और नए सिरे से जांच के आदेश दिए. सीजेएफ द्वारा क्लोजर रिपोर्ट खारिज किये जाने के बावजूद पुलिस द्वारा जांच नहीं किये जाने को याचिका में चुनौती दी गयी थी. याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ ने पुलिस अधीक्षक बालाघाट को जांच के संबंध में हलफनामा प्रस्तुत करने का आदेश दिया. एकलपीठ ने सुनवाई दौरान पाया कि बालाघाट एसपी ने आदेश को गंभीरता से नहीं लिया और जांच एडिशनल एसपी को सौंप दी.

एकलपीठ ने पुलिस अफसरों पर जताई थी नाराजगी

एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि पुलिस अधिकारी न्यायालय के आदेशों को गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं हैं और यदि वे अपने ही विभाग द्वारा की जा रही गलतियों का एहसास करने के लिए तैयार नहीं हैं तो इस न्यायालय के पास पुलिस महानिदेशक को निर्देश देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है. वह जांच स्वयं करें ताकि उन्हें उन दुर्भावनापूर्ण कार्यों का एहसास हो सके, जो उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा किए जा रहे हैं. जिससे नागरिकों के अधिकारों को खतरे में डाला जा रहा है. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस महानिदेशक जांच स्वयं करें और यह जिम्मेदारी वह किसी अन्य अधिकारियों को नहीं सौंपेगे.

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एकलपीठ के आदेश को सरकार ने दी चुनौती

एकलपीठ ने तत्कालीन जांच अधिकारी तथा थाना प्रभारी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने के आदेश जारी किये. एकलपीठ ने अपने आदेश में डीजीपी को जांच करने और बालाघाट एसपी, एडिशनल एसपी, डीएसपी, कोतवाली थाने के वर्तमान व तत्कालीन जांच अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने निर्देश भी जारी किए थे. एकलपीठ के इस आदेश के खिलाफ सरकार की तरफ से अपील दायर की गई. युगलपीठ ने एकलपीठ के आदेश पर स्थगन जारी करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. युगलपीठ ने कहा है कि याचिका की सुनवाई और आदेश के खिलाफ दायर की गयी तीन पुलिस अधिकारी की अपील के साथ संयुक्त रूप से की जाएगी.

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एकलपीठ ने पुलिस अफसरों पर जताई थी नाराजगी

एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा था कि पुलिस अधिकारी न्यायालय के आदेशों को गंभीरता से लेने के लिए तैयार नहीं हैं और यदि वे अपने ही विभाग द्वारा की जा रही गलतियों का एहसास करने के लिए तैयार नहीं हैं तो इस न्यायालय के पास पुलिस महानिदेशक को निर्देश देने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है. वह जांच स्वयं करें ताकि उन्हें उन दुर्भावनापूर्ण कार्यों का एहसास हो सके, जो उनके अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा किए जा रहे हैं. जिससे नागरिकों के अधिकारों को खतरे में डाला जा रहा है. एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पुलिस महानिदेशक जांच स्वयं करें और यह जिम्मेदारी वह किसी अन्य अधिकारियों को नहीं सौंपेगे.

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