जबलपुर। हनुमान मंदिर के पास बनने वाले टॉयलेट को रोकने वाली याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा में एक हनुमान मंदिर के पास सुलभ शौचालय बनाया जा रहा है. लोग सुलभ शौचालय को मंदिर के पास बनाने का विरोध कर रहे थे इसलिए हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी लेकिन कोर्ट का कहना है कि लोगों के स्वास्थ्य के लिए सुलभ शौचालय ज्यादा जरूरी है.
टॉयलेट बनाने से रोकने लगाई याचिका
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जज जीएस अहलूवालिया की कोर्ट में गाडरवारा के कपिल दुबे ने एक याचिका दायर की थी, जिसमें कपिल दुबे का कहना था कि गाडरवारा नगर परिषद एक सुलभ शौचालय बना रही है और यह सुलभ शौचालय हनुमान मंदिर के पास में है. सुलभ शौचालय के बनने के बाद इस क्षेत्र का वातावरण खराब हो जाएगा और मंदिर के पास सुलभ शौचालय नहीं बनना चाहिए.
'टॉयलेट लोगों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी'
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस जीएस अहलूवालिया ने कपिल कुमार दुबे की याचिका को खारिज कर दिया. जस्टिस अहलूवालिया ने अपने आदेश में लिखा है कि "सुलभ शौचालय गंदगी नहीं फैलाता बल्कि गंदगी को खत्म करता है. इससे मंदिर के आसपास का वातावरण खराब नहीं अच्छा होगा क्योंकि अभी इस क्षेत्र में लोग खुले में निस्तार कर रहे हैं. इसलिए शौचालय के स्थान को बदला नहीं जा सकता. लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी यह जरूरी है. जिरह के दौरान कपिल दुबे के एडवोकेट यह भी नहीं बता पाए कि सुलभ शौचालय और मंदिर के बीच में कितनी दूरी है."
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याचिकाकर्ता है नामी बदमाश
कोर्ट में कपिल दुबे के बारे में सरकारी अधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने जानकारी दी कि याचिकाकर्ता इसी क्षेत्र का एक नामी बदमाश है और उसके ऊपर 17 मामले लंबित हैं. वह कोर्ट के माध्यम से आदेश करवा के क्षेत्र में अपनी दहशत मजबूत करवाना चाहता है. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने सुलभ शौचालय को महत्वपूर्ण मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया.