शहडोल। रवि सीजन की खेती का आखिरी समय चल रहा है और रवि सीजन में लगाई गई फसलों में कुछ फसलें जहां पककर तैयार हैं. कुछ फसल कटाई की कगार पर हैं. तो कुछ फसलों में थोड़ा बहुत वक्त बचा हुआ है. रवि सीजन में गेहूं की फसल की खेती प्रमुखता से की जाती है. इस साल भी गेहूं की फसल किसानों ने लगाई हुई है. हर साल की तरह इस साल भी गेहूं के फसल की खरीदी सरकार अपने एमएसपी (MSP) रेट पर करेगी. जिसके लिए सरकार ने पंजीयन की तारीख भी बढ़ाई थी और अब वह तारीख भी बहुत नजदीक आ गई है.
अगर आप एमएसपी रेट पर अपने गेहूं की फसल को बेचना चाहते हैं, तो जल्द से जल्द पंजीयन कर लें. कैसे पंजीयन करना है, कब तक आखिरी तारीख है. कितने दाम पर सरकार इस बार गेहूं की खरीदी कर रही है जानिए सब कुछ.
आ गई पंजीयन की आखिरी तारीख
अगर आप गेहूं की खेती करते हैं और गेहूं की फसल लगाए हुए हैं, जिसे बेचना चाह रहे हैं, तो बिल्कुल ये आपके लिए ही खबर है, क्योंकि अगर सरकार के एमएसपी (MSP) रेट पर अपनी गेहूं की फसल को आप बेचना चाहते हैं, तो गेहूं उपार्जन के लिए 6 मार्च तक ही पंजीयन कर सकते हैं. पंजीयन की आखिरी तारीख के लिए अब बस एक दिन ही बचा है. आज 5 मार्च है, अगर आप गेहूं की फसल को एमएसपी रेट में बेचना चाहते हैं और अब तक आपने पंजीयन नहीं कराया है, तो 6 मार्च तक हर हाल में करा लें, क्योंकि पहले ही सरकार ने पंजीयन की तारीख बढ़ाई थी. अब एक बार फिर से उस बढ़ाई हुई तारीख की भी आखिरी तारीख 6 मार्च को आ गई है. जो अब बढ़ना मुश्किल है, अगर अभी भी आपने पंजीयन नहीं कराया है, तो अब समय रहते जरूर कर लें.
इतने दाम में गेंहू खरीद रही सरकार
कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आरपी झारिया बताते हैं की 'रवि सीजन के 2024-25 के लिए गेहूं उपार्जन हेतु सरकार ने जो एमएसपी तय की है. उसमें इस बार गेहूं की फसल 2275 रुपये प्रति क्विंटल में खरीदी जाएगी. मतलब इस बार आपकी फसल को सरकार 2275 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगी.'
ऐसे कराएं पंजीयन
अगर आप गेहूं की फसल को समर्थन मूल्य पर बेचना चाहते हैं, तो उसके लिए सरकारी नियम के तहत गेहूं उपार्जन के लिए किसान को अपना पंजीयन कराना पड़ेगा. पंजीयन कराने के लिए सरकार ने इस बार कई सारी सुविधाएं भी दी हैं. कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आरपी झारिया बताते हैं कि 'अगर आप पंजीयन कराना चाह रहे हैं, तो उसके लिए जो तारीख तय की गई है, 6 मार्च तक किसान पंजीयन करा सकता है. इसके लिए किसान किसी भी ऑनलाइन सेंटर में जा सकता है. सीएससी सेंटर में जा सकता है, और जो किसान खुद से अपना रजिस्ट्रेशन करना चाह रहे हैं, वो किसान ऐप के माध्यम से खुद का रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं.
इससे आसानी से रजिस्ट्रेशन हो जाएगा, इसके बाद अगर किसानों को लाइन में लगने से बचना है तो पोर्टल में पंजीयन होने के बाद पोर्टल खरीदी के लिए जब ओपन हो तो किसान अपना स्लॉट बुक कर लें. स्लॉट बुक करने पर उनको टाइम मिल जाएगा. उस टाइम पर ले जाकर अपनी फसल को दे दें. आसानी से उनकी फसल बिक जाएगी और लाइन में लगने से भी वो बच जाएंगे.
पंजीयन के लिए ये दस्तावेज जरूरी
अगर गेहूं को एमएसपी रेट पर आप सरकार को बेचना चाहते हैं, तो उसके लिए किसान को पंजीयन कराने के लिए जो जरूरी दस्तावेज लगेंगे. उसमें जमीन का नक्शा, खसरा या फिर जमीन की पावती हो. किसान का आधार कार्ड, बैंक पासबुक, बैंक पासबुक हो, जिसमें अकाउंट नंबर, बैंक का नाम, आईएफएससी (IFC Code) कोड सभी स्पष्ट दर्शित हो.
इसके अलावा किसान इस बात का जरूर ख्याल रखें की बैंक पासबुक वही दें जो आधार से लिंक हो. पंजीयन प्रक्रिया के दौरान जिस बैंक खाते का विवरण आप देंगे. उस बैंक खाते में आपका आधार नंबर लिंक होना चाहिए. मध्य प्रदेश सरकार उपार्जन पोर्टल पर खरीदी गई फसल का भुगतान आधार से लिंक बैंक खाते में ही करती है. जो आधार कार्ड में आपका बैंक खाता डीबीटी एक्टिव होगा. इस खाते में सरकार फसल का भुगतान करेगी अगर आप गेहूं की फसल समर्थन मूल्य पर उपार्जन केंद्र पर जाकर बेचेंगे तो आपको अपनी गेहूं की फसल का भुगतान आपका आधार कार्ड से लिंक बैंक खाते में ही प्राप्त होगा.
शहडोल में गेहूं का कितना रकबा
शहडोल जिला आदिवासी बहुल जिला है. यहां पर रवि सीजन में गेहूं की फसल की खेती प्रमुखता के साथ की जाती है. इस बार भी कई किसानों ने गेहूं की खेती की है और बड़े प्रमुखता के साथ की है. कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आरपी झरिया बताते हैं कि बार किसानों ने 67,000 हेक्टेयर रकबे में गेहूं की फसल लगाई है.