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मध्यप्रदेश में DNA-FSL की 10 हजार रिपोर्ट पेंडिंग, इसीलिए न्यायिक प्रक्रिया में देरी

MP Pending DNA FSL Reports : मध्यप्रदेश में डीएनए-एफएसएल व अन्य रिपोर्ट के करीब 10 हजार मामले लंबित हैं. सरकार ने ये जानकारी हाईकोर्ट के समक्ष पेश की. बता दें कि इतनी बड़ी संख्या में रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण न्यायिक प्रक्रिया में बाधा पैदा होती है.

MP Pending DNA FSL Reports
मध्यप्रदेश में डीएनए एफएसएल की 10 हजार रिपोर्ट पेंडिंग
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 7, 2024, 11:41 AM IST

जबलपुर। मध्यप्रदेश में डीएनए-एफएसएल सहित अन्य रिपोर्ट के आने में बहुत देरी होती है. हाई कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए सुनवाई शुरू की. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को सरकार ने बताया कि 9 हजार 9 सौ से अधिक डीएनए तथा एफएसएल सहित अन्य रिपोर्ट लंबित हैं. सरकार ने कोर्ट में प्रतिमाह रिपोर्ट का भी आंकड़ा पेश किया. युगलपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद निर्धारित की है.

हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को जारी किया नोटिस

जनहित याचिका में कहा गया है कि डीएनए-एफएसएल की रिपोर्ट देर से आने के कारण न्यायालय में लंबित प्रकरण की सुनवाई में व्यवधान होता है. इसीलिए लंबित प्रकरणों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से फॉरेंसिक रिपोर्ट का स्टेटस रिकॉर्ड पेश किया गया था. युगलपीठ ने डीएनए, एफएसएस तथा अन्य लंबित जांच के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के आदेश रजिस्ट्रार जनरल को जारी किये थे.

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हाईकोर्ट ने सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

पिछली सुनवाई के दौरान रजिस्ट्रार जनरल की तरफ से पेश रिपोर्ट पर सरकार के आग्रह पर युगलपीठ ने जवाब पेश करने समय प्रदान किया था. सरकार की तरफ से अधिवक्ता सुयश ठाकुर ने पैरवी की. गौरतलब है कि किसी भी केस की सुनवाई में डीएनए-एफएसएल रिपोर्ट बहुत मायने रखती है. इन्हीं रिपोर्ट से घटना के बारे में दशा व दिशा निर्धारित होती है. लेकिन ये रिपोर्ट देने में संबंधित विभागों की ओर से लगातार लापरवाही के मामले समय-समय पर उजागर होते हैं.

जबलपुर। मध्यप्रदेश में डीएनए-एफएसएल सहित अन्य रिपोर्ट के आने में बहुत देरी होती है. हाई कोर्ट ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए सुनवाई शुरू की. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ व जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ को सरकार ने बताया कि 9 हजार 9 सौ से अधिक डीएनए तथा एफएसएल सहित अन्य रिपोर्ट लंबित हैं. सरकार ने कोर्ट में प्रतिमाह रिपोर्ट का भी आंकड़ा पेश किया. युगलपीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद निर्धारित की है.

हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव को जारी किया नोटिस

जनहित याचिका में कहा गया है कि डीएनए-एफएसएल की रिपोर्ट देर से आने के कारण न्यायालय में लंबित प्रकरण की सुनवाई में व्यवधान होता है. इसीलिए लंबित प्रकरणों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से फॉरेंसिक रिपोर्ट का स्टेटस रिकॉर्ड पेश किया गया था. युगलपीठ ने डीएनए, एफएसएस तथा अन्य लंबित जांच के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के आदेश रजिस्ट्रार जनरल को जारी किये थे.

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