MP VANDE BHARAT EXPRESS: रेलवे मध्य प्रदेश में रेल नेटवर्क के लिए नए आयाम लेकर आया है. राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के अन्य शहरों से 7 वंदे भारत ट्रेनों की शुरुआत होने वाली है. इन ट्रेनों के शुरू होने से लंबी दूरी में लगने वाले समय की बचत होगी. साथ ही यात्रियों की यात्रा आरामदायक रहेगी. भोपाल रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि रेलवे मार्च-अप्रैल तक पश्चिम मध्य रेलवे को वंदे भारत की पहली रैक दे सकता है. यह स्लीपर वंदे भारत ट्रेन होगी. जिसे भोपाल से पाटलीपुत्र के लिए चलाया जाएगा. इसके बाद एक चेयरकार मिलेगी, जो भोपाल से लखनऊ मार्ग पर चलेगी.
इन मार्गों पर दौड़ेगी नई वंदे भारत
भोपाल से लखनऊ
भोपाल से लखनऊ की दूरी करीब 590 किलोमीटर है. वर्तमान में जो ट्रेन इस रुट पर चल रही हैं, वो भोपाल से लखनऊ पहुंचने में 9 से 11 घंटे का समय लेती है, लेकिन इस मार्ग पर वंदे भारत की शुरुआत होने से यात्री महज 6 से 7 घंटे में भोपाल से लखनऊ पहुंच सकेंगे. ये ट्रेन 8 कोच वाली चेयरकार होगी. जो सप्ताह में 6 दिन चलेगी.
रानी कमलापति से पाटलीपुत्र
भोपाल से पटना की दूरी करीब 850 किलोमीटर है. वर्तमान में जो ट्रेन इस रुट पर चल रही हैं, वो भोपाल से पटना पहुंचने में 18 से 20 घंटे का समय लेती हैं. नई वंदे भारत शुरू होने से यात्री 14 से 15 घंटे में भोपाल से पटना पहुंच जाएंगे. अच्छी बात यह है कि यह वंदे भारत स्लीपर ट्रेन होगी. यानि यात्री सोते हुए यात्रा कर सकता है. इसमें 16 कोच होंगे. जल्द ही इसके रैक अलाटमेंट की संभावना है.
जबलपुर से रायपुर
जबलपुर से रायपुर मार्ग की दूरी करीब 450 से 500 किलोमीटर है. इस रूट में वर्तमान ट्रेन 9 से 10 घंटे का समय लेती है, लेकिन वंदे भारत शुरू होने से यह दूरी 5 से 6 घंटे में तय होगी. इस रूट के लिए 8 कोच वाली वंदे भारत मिल सकती है. जो सप्ताह में 6 दिन चलेगी.
उज्जैन से दिल्ली
उज्जैन से दिल्ली की दूरी करीब 750 किलोमीटर है. इस मार्ग पर वंदे भारत चलाने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रेल मंत्री अश्वनि वैष्णव से मिलकर मांग रखी है. वर्तमान में उज्जैन से दिल्ली जाने के लिए 12 से 16 घंटे का समय लगता है, लेकिन वंदे भारत चलने के बाद यह दूरी 8 से 9 घंटे में तय होगी. इस रूट पर 16 या 20 कोच वाली स्लीपर वंदे भारत चल सकती है, जो सप्ताह में 3 दिन चलेगी.
इंदौर से जयपुर
इंदौर से जयपुर के बीच साल 2025 में वंदे भारत ट्रेन दौड़ेगी. इस दोनों शहरों के बीच की दूरी करीब 600 किलोमीटर है. अभी इंदौर से जयपुर पहुंचने में 9 से 12 घंटे का समय लगता है, लेकिन वंदे भारत शुरू होने से यह दूरी 7 से 7.30 घंटे में तय होगी. इस मार्ग पर रेलवे 16 कोच वाली चेयरकार चला सकता हैं. जो सप्ताह में 6 दिन चलेगी.
भोपाल से अयोध्या
भोपाल से अयोध्या की दूरी करीब 850 किलोमीटर है. वर्तमान ट्रेन इस दूरी को तय करने में 12 से 16 घंटे का समय लेती है, लेकिन वंदे भारत 8 से 11 घंटे का समय लेगी. इस मार्ग पर 16 या 20 कोच वाली स्लीपर वंदे भारत चलेगी. जो सप्ताह में 3 दिन चलेगी.
भोपाल से मुंबई
भोपाल से मुंबई की दूरी करीब 822 किलोमीटर है. अभी रूट में चलने वाली नियमित ट्रेने भोपाल से मुंबई पहुंचने में 13 से 15 घंटे का समय लेती हैं, लेकिन वंदे भारत 10 से 11 घंटे में यह दूरी तय कर लेगी. इस रूट पर 16 कोच वाली स्लीपर वंदे भारत का संचालन होगा, जो सप्ताह में 3 दिन चलेगी. हालांकि भोपाल रेल मंडल के सीनियर डीएमई आरपी खरे ने बताया कि "भोपाल रेल मंडल से पटना और लखनऊ के लिए वंदे भारत चलेगी. जबकि दिल्ली से मुंबई जाने वाली वंदे भारत भोपाल से होकर गुजरेगी. जिससे भोपाल व इसके आसपास के लोगों के लिए दिल्ली और मुंबई जाना आसान होगा."
अप्रैल तक पटरी में उतरेगी वंदे भारत
भोपाल रेल मंडल के सीनियर डीएमई आरपी खरे ने बताया कि "वंदे भारत ट्रेन का एक रैक बनने में करीब एक महीने का समय लगता है. भोपाल रेल मंडल को 5वां या 6वां रैक मिलेगा. ऐसे में मार्च 2025 के बाद दोनों वंदे भारत मिलने की संभवाना है. खरे ने बताया कि रैक मिलने के बाद सबसे पहले उसका ट्रायल किया जाएगा. इसे पहले पटरी में खाली दौड़ाने के बाद यात्रियों के लिए शुरू की जाएगी."
अपडेट होंगी नई वंदे भारत ट्रेन
अधिकारियों ने बताया कि अब जो नई वंदे भारत ट्रेन चलेंगी, वो अन्य ट्रेनों से अपडेट होंगी. दरअसल, यात्रियों ने वंदे भारत की सीट में हार्डनेस और चार्जिंग पाइंट समेत अन्य चीजों को लेकर परेशानियां बताई थी. जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने ट्रेन के कोच में कई बदलाव किए हैं. नई ट्रेन में सीट कवर की हार्डनेस को कम किया गया है. जिससे लंबी दूरी के यात्रियों को आराम महसूस हो. सीट के नीचे की तरफ लगे चार्जिंग प्वाइंट की पोजिशन भी बदली जा गई हैं, जिससे इसका उपयोग आसानी से किया जा सके.
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वहीं एग्जीक्यूटिव चेयर कार के फुट रेस्ट में सुधार किया गया है. पैर के पास बोतल होलड था, जिसे अब सीट के बगल में लगाया गया है. सीट को आगे पीछे करने के लिए प्रेस बटन लगा था. अब बटन हटाकर एक लीवर लगा दिया गया है. चार्जिंग प्वाइंट सीट के साइड में लगाया गया है. कोच के अंदर दिव्यांग के लिए व्हील चेयर मौजूद रहेगी. वहीं टायलेट के हैंडल में एक अतिरिक्त बैंड दिय जा रहा है, इससे पकड़ मजबूत होगी.