ग्वालियर: मध्य प्रदेश में खाद की किल्लत किसी से छिपी नहीं है. अब इसका फायदा ठग उठा रहे हैं. ग्वालियर में मुनाफाखोरों ने एक किसान को ना सिर्फ ऊंचे दाम पर खाद की बोरी बेची, बल्कि नकली खाद पकड़ा दिया. यह आरोप ग्वालियर कलेक्टर के सामने पहुंचे किसान ने लगाया है. गुस्साया किसान ने नकली खाद की बोरी लेकर जनसुनवाई में पहुंचा और कलेक्टर के सामने बोरी रख दी. मामला जानने के बाद कलेक्टर रुचिका चौहान ने जांच के आदेश दिए हैं.
खाद की कालाबाजारी का भी शिकार हुआ किसान
असल में ग्वालियर के किसान साधू सिंह और खाद की बोरी लेकर ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान के पास जनसुनवाई में पहुंचे थे. जहां उन्होंने यह कहते हुए की खाद में मिलावट है, कलेक्टर के सामने खाद की बोरी पटक दी. किसान ने शिकायत की कि भितरवार खाद वितरण केंद्र पर उसे 1350 रुपए की खाद की बोरी 1700 रुपए में दी गई है. इसके साथ ही जबरन एनपीए खाद की बोतल थमा दी, जिसमें भी गड़बड़ी मिली है.
कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश
किसान की समस्या और कालाबाजारी की बात सामने आने के बाद ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान ने कृषि विभाग के अधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर का कहना है कि किसान को इस बात का संशय था कि उन्हें नकली खाद दिया गया है. हालांकि मौके पर जांच के दौरान ऐसी स्थित समझ तो नहीं आई, लेकिन हमने खाद के सैंपल कराए हैं, जल्द ही जांच के बाद स्थिति साफ हो जाएगी.
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कैसे पता करें खाद नकली के असली
खाद असली है या नकली इस बात का पता करने के लिए दो तरीके हैं. खुद कलेक्टर रुचिका चौहान ने किसानों को अवेयर करने के लिए यह बात समझायी है. उन्होंने कहा कि अगर खाद को हाथ पर रखकर घिसा जाए तो, वह तुरंत नमी छोड़ जाता है. अगर ऐसा न हुआ तो खाद नकली या गुणवत्ताहीन माना जाता है. वहीं दूसरा तरीका यह है कि जब खाद की जांच करें तो उसमें चूना मिलाएं, चूना मिलाने पर पर यदि खाद में तेज गंध आए तो इसका मतलब है, खाद ठीक है और ऐसा न होने पर उसके नकली होने की संभावना मानी जाती है.